मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 70 वर्षीय गीता बाई सेन, जो करीब 35 साल पहले लापता हो गई थीं, अब लौट आई हैं। परिजन उन्हें मृत मान चुके थे और प्रयागराज जाकर पिंडदान तक कर चुके थे। महिला की घर वापसी से परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नागपुर के मानसिक अस्पताल से आया फोन
जानकारी के अनुसार, गीता बाई अपने मायके, शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील स्थित खोखरा गांव गई थीं, तभी अचानक लापता हो गई थीं। लंबे समय तक तलाश के बाद जब कोई सुराग नहीं मिला, तो परिजनों ने उन्हें मृत मान लिया। करीब 5 साल पहले प्रयागराज जाकर उनका विधिवत पिंडदान किया गया था। परंतु हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर मानसिक चिकित्सालय से आए एक फोन कॉल ने पूरे परिवार को हैरान कर दिया।
19 महीने की खोज के बाद मिली महिला की पहचान
नागपुर क्षेत्रीय मानसिक अस्पताल की समाजसेवा अधीक्षक कुंडा बिडकर ने बताया कि महिला को कोर्ट के आदेश पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें खुद के बारे में कुछ याद नहीं था। अस्पताल प्रबंधन ने महिला की पहचान के लिए 19 महीनों तक लगातार प्रयास किए। कई गांव, थाने, सरपंच और दुकानदारों से संपर्क किया गया। आखिरकार ब्यावरा की जानकारी मिलने पर राजगढ़ पुलिस के सहयोग से परिवार से संपर्क हुआ।
35 साल बाद लौटने पर भावुक हुआ परिवार
राजगढ़ पुलिस, कालापीपल पुलिस और नागपुर मानसिक अस्पताल के समन्वय से महिला को उसके परिवार तक पहुंचाया गया। महिला के पति गोपाल सेन, बेटा-बेटी और अन्य परिजन नागपुर पहुंचे और गीता बाई को सकुशल वापस घर लाए। गीता बाई की घर वापसी पर परिवार ने उनका भव्य स्वागत किया। पति गोपाल सेन और अन्य परिजनों ने फूल-मालाएं पहनाकर गीता बाई का स्वागत किया। इस भावुक पल में पति-पत्नी ने एक-दूसरे को माला पहनाकर सालों बाद फिर से मिलन का दृश्य रचा।
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