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मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 महीनों में 35 हजार 186 बेरोजगार (Unemployed) बढ़ गए हैं, जिससे कुल बेरोजगारों की संख्या 26.17 लाख (26.17 Lakh Unemployed) हो गई है।
5 महीने पहले कम बताए थे बेरोजगार
मई 2024 में विधानसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में बेरोजगारों की संख्या 25.82 लाख (25.82 Lakh) बताई गई थी। तब दावा किया गया था कि 2023 के मुकाबले 7.58 लाख बेरोजगार (7.58 Lakh Unemployed) कम हुए हैं। हालांकि, शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए गए ताजा आंकड़ों में स्थिति उलट नजर आ रही है।
विधायक बाला बच्चन (Bala Bachchan) के सवाल पर कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल (Gautam Tetwal) ने बताया कि 20 नवंबर 2024 तक बेरोजगार युवाओं का पंजीयन 26,17,945 (26.17 Lakh) तक पहुंच गया है।
ऐसे बढ़ी बेरोजगारी
31 मई 2021 तक बेरोजगार- 32 लाख 16 हजार 64
महिलाएं- 11 लाख 79 हजार 204
पुरुष- 20 लाख 36 हजार 860
31 मई 2022 तक - 27 लाख 82 हजार 29
पुरुष- 18 लाख 22 हजार 684
महिलाएं- 9 लाख 59 हजार 345
31 मई 2023 तक - 35 लाख 73 हजार 694
महिलाएं- 12 लाख 67 हजार 428
पुरुष- 23 लाख 5 हजार 822
31 मई 2024 तक - 25 लाख 82 हजार 759
महिलाएं- 9 लाख 92 हजार 189
पुरुष-15 लाख 90 हजार 387
प्रदेश में कहां कितने बेरोजगार?
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बेरोजगारी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सबसे ज्यादा बेरोजगार भोपाल (Bhopal) जिले में हैं, जहां पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 1,69,440 है। वहीं, सबसे कम बेरोजगारी पांढुर्णा (Pandhurna) में दर्ज की गई है, जहां केवल 409 युवा बेरोजगार हैं।
- मऊगंज (Mauganj): 869 बेरोजगार
- मैहर (Maihar): 841 बेरोजगार
- पांढुर्णा (Pandhurna): 409 बेरोजगार
2023 के मुकाबले बेरोजगारी के आंकड़े
जुलाई 2024 में विधानसभा के बजट सत्र में कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने बताया था कि 2023 के मुकाबले बेरोजगारी में 7.58 लाख की कमी दर्ज हुई थी। 2023 में बेरोजगारों की संख्या 35.73 लाख (35.73 Lakh) थी, जो मई 2024 में घटकर 25.82 लाख हो गई थी। लेकिन 5 महीनों में ही ये संख्या बढ़कर 26.17 लाख हो गई है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा बेरोजगार
जिला | बेरोजगार |
भोपाल |
1 लाख 69 हजार 440 |
ग्वालियर | 1 लाख 9 हजार 400 |
इंदौर | 86 हजार 488 |
छिंदवाड़ा | 89 हजार 554 |
मुरैना | 83 हजार 645 |
बालाघाट | 80 हजार 306 |
रीवा | 99 हजार 921 |
सागर | 91 हजार 525 |
सतना | 90 हजार 316 |
जबलपुर | 94 हजार 601 |
क्यों बढ़ रही है बेरोजगारी?
विशेषज्ञों के अनुसार, बेरोजगारी बढ़ने का मुख्य कारण सरकारी नौकरियों की कमी और निजी क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसर हैं।
शिक्षित युवा सबसे ज्यादा प्रभावित
- प्रदेश में शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी का स्तर गंभीर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
- सवा लाख इंजीनियर (1.25 Lakh Engineers) बेरोजगार हैं।
- 16 हजार MBA (16,000 MBA Graduates) रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
- 7 हजार डॉक्टर (7,000 Doctors) भी बेरोजगार हैं।
- ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल संख्या 11.70 लाख (11.70 Lakh) से अधिक है।
- यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि शिक्षित युवाओं को भी रोजगार पाने में कठिनाई हो रही है।
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