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मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। यह सत्र 28 जुलाई से लेकर 8 अगस्त तक चलेगा। सत्र के लिए विधायकों ने कुल 3377 सवाल लगाए हैं, जिनमें से 2076 सवाल ऑनलाइन (online) और 1301 सवाल ऑफलाइन (offline) हैं। इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) भी पेश किया जाएगा।
3377 सवालों पर होगी बहस
इस मानसून सत्र में विधायकों ने 3377 सवालों की एक लंबी सूची तैयार की है, जिससे सत्र की कार्यवाही में गर्मागर्मी होने के आसार हैं। इन सवालों में विभिन्न मुद्दों पर सवाल उठाए गए हैं जैसे कि आदिवासियों की जमीन का मुद्दा, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले, जातिगत जनगणना, और भ्रष्टाचार। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों पर रणनीति बनाई है, जिसमें विशेष रूप से ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मुद्दा प्रमुख रहेगा।
विधानसभा में पेश होंगे तीन सरकारी विधेयक
सत्र में तीन सरकारी विधेयकों (Government Bills) को भी पेश किया जाएगा। इनमें मप्र मेट्रोपोलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम-2025 प्रमुख है, जिसका उद्देश्य भोपाल और इंदौर को मेट्रोपोलिटन रीजन के रूप में विकसित करना है।
इसके अलावा, मप्र श्रम विधियां (संशोधन) विधेयक के तहत औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति दी जाएगी। एक वित्त विधेयक भी प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही, वनाधिकार पट्टों में देरी और बारिश के दौरान आदिवासियों की बेदखली के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा।
विधायकों के सवालों के जवाब तय समय सीमा में दिए जाएंगे, ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके।
एमपी विधानसभा के मानसून सत्र पर एक नजर...
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कांग्रेस ने बनाई रणनीति
भोपाल में रविवार (27 जुलाई) को कांग्रेस विधायक दल (Congress Legislative Party) की बैठक बुलाई गई थी। इसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा की। इन मुद्दों में आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले, युवाओं को रोजगार, और बढ़ते महिला अत्याचार पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) और 13 फीसदी पर होल्ड हटाने की भी मांग उठाई।
विधानसभा परिसर में प्रदर्शन पर रोक
इस सत्र से पहले विधानसभा सचिवालय ने सभी विधायकों को एक पत्र भेजा है, जिसमें नारेबाजी और प्रदर्शन (Protests) पर रोक लगाने की अपील की गई है। इसका कारण विधायकों की सुरक्षा है, और यह फैसला 10 जुलाई को लिया गया था। वहीं, विपक्षी विधायक इस निर्णय का विरोध कर सकते हैं और इसे सदन में उठाने की संभावना है।
विधानसभा की सुरक्षा के लिए कड़े कदम
विधानसभा परिसर में सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए गए हैं। विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश पत्र (Entry Passes) सीमित संख्या में जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, विधायकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपने साथ वाहन में लाकर विधानसभा परिसर में प्रवेश न कराएं।
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प्रवेश के नियमों का पालन
मानसून सत्र के दौरान, विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। केवल दो व्यक्तियों को ही दर्शक दीर्घा में प्रवेश की अनुमति होगी, और यह अनुमति एक घंटे के लिए होगी। इसके अलावा, सत्र के दौरान किसी भी विधायक को बिना प्रवेश पत्र के गैर व्यक्तियों को विधानसभा परिसर में लाने की अनुमति नहीं होगी।
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