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विक्रमोत्सव 2025 ने युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ा है और विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति की गहराई से अवगत कराया है। इसके लिए मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने विक्रमोत्सव 2025 को ईमैक्स ग्लोबल अवार्ड में ‘लांगस्टैंडिंग आईपी ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया। यह सम्मान विक्रमोत्सव के वैश्विक महत्व को मान्यता देता है। ईमैक्स की टीम यह पुरस्कार सीएम मोहन यादव को भोपाल में देगी।
विक्रमोत्सव को दूसरा बड़ा सम्मान
यह विक्रमोत्सव के लिए इस वर्ष का दूसरा महत्वपूर्ण पुरस्कार है। इससे पहले, विक्रमोत्सव को वाउ अवॉर्ड एशिया 2025 में ‘एशिया के शासकीय समारोह श्रेणी’ में गोल्ड अवॉर्ड मिला था। पिछले साल विक्रमोत्सव 2024 को ‘एशिया का बिगेस्ट रिलीजियस अवॉर्ड’ भी मिला था, जो इसकी संस्कृति और सांस्कृतिक महत्व को साबित करता है।
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मध्यप्रदेश और भारतीय संस्कृति के लिए गर्व का विषय
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने इस सम्मान को मध्यप्रदेश और भारतीय संस्कृति के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव अब केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और गौरव को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।
विक्रमोत्सव 2025 की सांस्कृतिक गतिविधियां
विक्रमोत्सव 2025 में 300 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिनमें शिवरात्रि मेले, कलश यात्रा, विक्रम व्यापार मेला, संगीत-नृत्य कार्यक्रम, वेद अंताक्षरी, कोटि सूर्योपासना और शिल्प कला कार्यशाला शामिल थीं। इसके अलावा, एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और 1000 ड्रोन्स की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रमोत्सव की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रयास उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य के गौरव को जन-जन तक पहुँचाने का है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा जा रहा है। यह आत्मविश्वास और कर्तव्यनिष्ठा की भावना पैदा करता है।
विक्रमोत्सव का उद्देश्य और भविष्य
विक्रमोत्सव ने भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया। श्रीराम तिवारी ने कहा कि यह केवल एक उत्सव का सम्मान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा का सम्मान है। इस अवसर पर उन्होंने संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में विक्रमोत्सव को अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संवाद का सबसे बड़ा मंच बनाया जाएगा।
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उज्जैन विक्रमोत्सव 2025