मध्य प्रदेश के एक गांव में तेजी से बढ़ रही शराब की लत को देखते हुए गांव वालों ने न तो शराब बेचने और न ही पीने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने पूर्णत: शराबबंदी का फैसला लिया है। बताते चलें कि एमपी के निवाड़ी जिले के किशोरपुरा गांव में युवाओं में शराब की लत तेजी से बढ़ती जा रही है। इससे उनके भविष्य और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की आशंका के चलते गांव में शराब बंदी और युवाओं को नशे से मुक्ति के लिए एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्रामीणों ने शराब न तो बेचने और न ही पीने की शपथ ली। इसके लिए उन्होंने लिखित शपथ पत्र भी दिया गया। इस पत्र में कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति शपथ का उल्लंघन करता है तो उस पर 11 हजार का जुर्माना लगेगा।
युवाओं में बढ़ रही थी शराब की लत
किशोरपुरा गांव में तेजी से बढ़ रही शराब की लत को देखते हुए गांव वालों ने बैठक कर यह निर्णय लिया। उनका कहना है कि शराब की आदत की वजह से कई घर बर्वाद हो गए हैं, और अब गांव के युवा भी इस लत का शिकार हो रहे हैं। शराब पीने के बाद लोग अभद्र भाषा के साथ घरेलू हिंसा भी करने लगे हैं। इससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शराब बंदी का निर्णय लिया गया है। पंचायत में सभी ग्रामीणों की सहमति से शराब न पीने की शपथ ली गई है।
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पूरे प्रदेश में हो रही इस फैसले की तारीफ
शराब की वजह से जहां एक ओर घर बर्वाद हो रहे थे, तो वहीं महिलाओं को भी पारिवारिक कलह ने परेशान कर रखा था। शराब बंदी के इस फैसले से अब महिलाओं में खुशी दिख रही है। किशोरपुरा गांव के इस फैसले की तारीफ अब पूरे प्रदेश में हो रही है। गांव में कई सालों से बनी शराब की समस्या से पारिवारिक कलह और आर्थिक समस्याओं में भी सुधार होगा। ग्रामीणों का कहना है कि उनका यह फैसला गांव के लिए नए युग की शुरूआत करेगा और इससे समाज पर सकारात्मकता बढ़ेगी।
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हम नहीं बेचेंगे शराब
इस फैसले के बाद अब गांव में शराब बेचने वालों ने भी कसम खा ली है कि वह भी शराब का सेवन नहीं करेंगे और न ही शराब बेचेंगे। पंचायत में निर्णय लिया गया कि जो भी व्यक्ति शराब का सेवन करेगा या करते हुए पाया जाएगा उसे 11 हजार का जुर्माना देना होगा। गांव में शराब बंदी के फैसले से लोगों में खुशी देखने को मिल रही है। इस फैसले से सबसे ज्यादा खुश गांव की महिलाएं हैं।
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