एमपी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष का बड़ा दावा, Waqf की जमीन पर कांग्रेस नेताओं का कब्जा

मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कांग्रेस नेताओं पर वक्फ की जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। अब वक्फ बोर्ड 2000 लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड (MP Waqf Board) के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कांग्रेस पार्टी पर वक्फ की जमीनों (Waqf Land) पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर से लेकर मंडल और जिला स्तर तक के नेता वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करके अपनी जेबें भर रहे हैं। डॉ. पटेल ने कहा कि हमने करीब 2000 लोगों को चिन्हित कर लिया है, जो वक्फ की संपत्ति पर अवैध रूप से काबिज हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नए वक्फ संशोधन कानून (Waqf Amendment Act 2024) के तहत एक सप्ताह के भीतर इन सभी को नोटिस जारी कर दिए जाएंगे।

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इन नेताओं के नाम शामिल

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम भी सार्वजनिक रूप से गिनाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता नियाज खान से 7 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली गई है। जबकि इकबाल खान, जो बड़वानी से कांग्रेस के नेता हैं, उनसे 1 करोड़ 42 लाख रुपए की वसूली का मामला सामने आया है। डॉ. पटेल ने यह भी कहा कि जो समझदार मुसलमान हैं, वे अब समझ चुके हैं कि ये लोग उन्हें भड़काकर अपना स्वार्थ साधने की कोशिश कर रहे हैं।

नया कानून और उसका प्रभाव

2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इस पर अपनी मुहर लगाई और 8 अप्रैल से यह कानून पूरे देश में लागू हो गया है। नए कानून के बाद वक्फ बोर्ड को ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार मिल गया है, जो उसकी संपत्तियों पर अवैध कब्जा किए हुए हैं।

वक्फ संशोधन कानून के प्रमुख बिंदु

🔹 वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा हटाने के लिए विशेष अधिकार
🔹 विवादित संपत्तियों पर कानूनी कार्यवाही का स्पष्ट प्रावधान
🔹 बोर्ड के निर्णय को न्यायिक चुनौती देने का सीमित अधिकार

सुप्रीम कोर्ट में कानून को लेकर चुनौती

हालांकि, इस कानून के खिलाफ देश भर में असंतोष भी देखने को मिला है। वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 20 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन सभी में मुख्य तर्क यही है कि वक्फ एक धार्मिक संस्था है और उसके कार्यों में सरकारी हस्तक्षेप संविधान की भावना के खिलाफ है। इन याचिकाओं पर पहली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की तीन जजों वाली बेंच करेगी।

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