MPPSC 2024 प्री पर HC आर्डर नहीं आया, ना पीएससी का स्पष्टीकरण

17 अक्टूबर को इस मामले में लगी तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। जस्टिस ने सुनवाई के दौरान पूछा भी था कि मेन्स कब से होना है। इस परीक्षा में तीन हजार से ज्यादा उम्मीदवार बैठने वाले हैं।

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Sanjay gupta
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INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2024 की मेन्स 21 अक्टूबर से होना है। लेकिन इस परीक्षा के प्री के नौ सवालों पर लगी याचिका पर हाईकोर्ट जबलपुर का आर्डर शनिवार शाम तक नहीं आया है। इससे सभी उम्मीदवारों में भारी बैचेनी है। वहीं आर्डर तो नहीं आया ठीक है लेकिन इस मामले में पीएससी की ओर से कोई स्पष्टीकरण भी जारी नहीं किया जा रहा है और ना ही सवालों का जवाब दिया जा रहा है। उम्मीदवारों को उम्मीद थी की जबलपुर हईकोर्ट का आर्डर जारी हो जाएगा, नहीं तो कम से कम पीएससी तो एक सूचना जारी कर ही देगा लेकिन दोनों ही नहीं है। 

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जस्टिस सुनवाई पूरी कर चुके हैं

17 अक्टूबर को इस मामले में लगी तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। जस्टिस ने सुनवाई के दौरान पूछा भी था कि मेंस कब से होना है। इस परीक्षा में तीन हजार से ज्यादा उम्मीदवार बैठने वाले हैं। उधर प्री में बार्डर पर अटके उम्मीदवार उम्मीद कर रहे थे कि फैसला उनके पक्ष में आने से मेन्स के लिए उन्हें भी कोई मंजूरी मिलेगी। यह परीक्षा 110 पद के लिए है। 

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मेन्स 21 अक्टूबर से होगी

मेन्स 21 से 26 अक्टूबर तक 11 जिलों में होगी। इसके लए 15 सेंटर बने हैं, इंदौर में पांच सेंटर बने हैं। इंदौर में दो हजार और कुल तीन हजार उम्मीदवार मेन्स की परीक्षा देंगे। इसके लिए एडमिट कार्ड आ चुके हैं, पीएससी आब्जर्वर भी नियुक्त कर चुका है। इसमें डिप्टी कलेक्टर के 15 व डीएसपी के 22 पद है। सिलेबस बदलने के बाद यह पहली परीक्षा है। इस बार मेंस 1500 अंक की और इंटरव्यू 185 अंक का होगा। 

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यह हुआ था 17 अक्टूबर को सुनवाई में

यह सुनवाई 25 मिनट तक चली, इसमें विविध याचिकाएं लगी थी जिसे लिंक कर सुना गया। जस्टिस ने यह भी कहा कि मॉडल आंसर की को किस तरह से चैलेंज किया जा सकता है, जबकि जो आंसर दिए गए हैं, उनके द्वारा दस्तावेज देखकर तय किए हैं और यह आंसर की सभी पर लागू है। इस पर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने भी परीक्षा विज्ञप्ति में दिए नियमों और विविध कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और यह भी कहा कि हमारी आपत्तियां भी शासकीय मान्यता प्राप्त किताबों, दस्तावेज पर ही है। कुछ प्रश्न तो गलत फ्रेम थे, इन्हें डिलीट करके सभी को नंबर दिया जाना चाहिए था। इसमें दो सवाल ज्यादा उठे, जिसमें एक सवाल मौलिक अधिकार से जुड़ा था और दूसरा स्पेमिंग, फिशिंग संबंधी मामले पर था। यह सवाल शुरू से ही विवादित रहे हैं। जस्टिस ने सभी के तर्क ध्यान सुने और आयोग का भी जवाब सुना और इसके बाद मामला अभी सुरक्षित रख लिया है। 

इससे पहले मांगी थी विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट

इसके पहले जस्टिस ने 14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद 17 अक्टूबर को विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट तलब की थी। उल्लेखनीय है कि पीएससी 2024 की मेंस 21 अक्टूबर से ही होने जा रही है। इसके एडमिट कार्ड भी पीएससी ने अपलोड कर दिए हैं। यह दस शहरों में होगी। पीएससी प्री 2024 के लिए करीब 1.90 लाख उम्मीदवारों ने फार्म भरे थे लेकिन इसमें से 1.35 लाख ने ही उपस्थिति दर्ज कराई थी। कम पदों के कारण उम्मीदवारों ने अधिक रूचि नहीं दिखाई।

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