MPPSC के रुके हुए 13 फीसदी रिजल्ट में उलझे उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट जस्टिस से मांगी इच्छामृत्यु

अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने द सूत्र को बताया कि हाईकोर्ट ने 13 फीसदी कैटेगरी में आए ओबीसी व अनारक्षित सभी छात्रों की सूची जारी करने के आदेश दिए हैं। अब पीएससी मेरिट क्रम में यह सूची जारी करता है या आगे क्या करता है, यह अगली सुनवाई में तय होगा। 

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संजय गुप्ता@ इंदौर.

मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) और मप्र शासन के 87-13 फीसदी के फार्मूले में उलझे उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट जस्टिस को पत्र लिखकर कहा है कि उनके 13 फीसदी के रूके हुए रिजल्ट जारी किए जाएं या फिर इच्छामृत्यू की मंजूरी दे दी जाए। इस 13 फीसदी के फेर में केवल पीएससी की परीक्षाएं ही नहीं बल्कि कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के भी हजारों पद रुके पड़े हैं और इनमें उलझे हैं हजारों उम्मीदवार, जिन्हें नहीं पता कि रिजल्ट कब आएगा। ( MPPSC )

क्या लिखा है पत्र में

जस्टिस शील नागू महोदय के नाम लिखे गए पत्र में है कि- पीएससी द्वारा 2019 से अभी तक की परीक्षाओं में सिर्फ 87 फीसदी पद के अंतिम रिजल्ट जारी हो रहे हैं। शेष 13 फीसदी पदों की सूच आज तक जारी नहीं की गई है। इसमें संभावित 1181 पद रुके हुए हैं। आपसे निवेदन है कि हमारे संघर्ष, त्याग और पांच सालों के इंतजार, मानसिक प्रताड़ना को ध्यान में रखते हए या तो 13 फीदी रूके रिजल्ट को जारी कराया जाए या फिर इच्छामृत्यु देने की स्वीकृतित दें। 

क्यों हाईकोर्ट जस्टिस को लिखा है पत्र

सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से सितंबर 2022 से लागू हुए 87-13 फीसदी फार्मूले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बैंच ने 5 अप्रैल को आदेश दिया था कि पीएससी रुके हुए 13 फीसदी का रिजल्ट जारी करें। लेकिन इस मामले में पीएससी ( PSC ) ने यह सूची जारी करने की जगह हाईकोर्ट में एक आवेदन लगा दिया कि ऐसा करने से क्या कठिनाई आएंगी और साथ ही सुप्रीम कोर्ट स्तर तक ओबीसी के 14 या 27 फीसदी आरक्षण को लेकर चल रहे केस का हवाला दे दिया। 

हाईकोर्ट में 25 मई को है संभावित सुनवाई

उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक सप्ताह नहीं तो जब 29 अप्रैल को सुनवाई होगी, इसमें रिजल्ट जारी करने के आदेश हो जाएंगे। लेकिन 29 अप्रैल गुजर गया पहले यह तारीख मई पहले सप्ताह में लगी और फिर बिना सुनवाई के अब 25 मई को शिफ्ट हो गई। 

हाईकोर्ट ने 13 फीसदी रिजल्ट जारी आदेश में यह कहा था

हाईकोर्ट ने पांच उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि इस कैटेगरी में शामिल उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाए। लिखित आदेश में कहा कि- वह उन नाम और योग्यता रैंकिंग का खुलासा करें जो अनारक्षित और ओबीसी कैटेगरी के लिए 13 फीसदी सूची में हैं। विज्ञापित रिक्तियां और याचिकाकर्ताओं की मेरिट रैंकिंग का भी खुलासा होनी चाहिए। यह भी खुलासा होना चाहिए कि क्या याचिकाकर्ताओं की तुलना में कम योग्यता रैंकिंग हासिल करने वाले किसी भी उम्मीदवार को पद भरने के लिए 87 फीसदी में नियुक्त किया गया है। वहीं इसे लेकर हाईकोर्ट ने मप्र शासन और पीएससी से एक सप्ताह में जवाब मांगा है जिसमें 29 अप्रैल को अगली सुनवाई लगाई गई है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा सभी का रिजल्ट होगा ओपन

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने द सूत्र को बताया कि हाईकोर्ट ने इसमें 13 फीसदी कैटेगरी में आए ओबीसी व अनारक्षित सभी छात्रों की सूची जारी करने के आदेश दिए हैं। अब पीएससी मेरिट क्रम में यह सूची जारी करता है या आगे क्या करता है, यह अगली सुनवाई में तय होगा। 

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87-13 फीसदी का यह है विवाद

87-13 फीसदी फार्मूले में पीएससी ने पदों को दो कैटेगरी में बांटा हुआ है, यह प्री स्तर पर ही कर दिया गया है, जो मेन्स और अंतिम रिजल्ट तक लागू होगा। प्री में दोनों कैटेगरी के उम्मीदवारों के रिजल्ट घोषित हो रहे हैं ताकि मेन्स क्वालीफायर का पता चल सके, फिर मेन्स में पास वालों की सूची भी जारी हो रही है, जिससे पता चल सके कि 87 और 13 फीसदी कैटेगरी में कौन इंटरव्यू देने के लिए पात्र है। लेकिन इसके बाद अंतिम रिजल्ट में 13 फीसदी की कोई सूची मेरिट लिस्ट जारी नहीं हो रही है। यह बंद लिफाफे में हैं। इसमें तय किया गया है कि जब ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी रहेगा या 14 फीसदी होगा, उस पर कोर्ट से फैसला आने के बाद ही लिफाफा खुलेगा। यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी होता है तो यह 13 फीसदी रूके पद ओबीसी में चले जाएंगे नहीं तो फिर अनारक्षित कैटेगरी वालों को यह पद जाएंगे। 

आखिर कितने पद और उम्मीदवार उलझे हैं

-    पीएससी ने इस फार्मूले के बाद करीब 38 परीक्षाओं के अंतिम रिजल्ट जारी किए हैं। इसमें 13 फीसदी पद रुके हैं। करीब 1181 पद रुके हुए होने की बात कही जा रही है। राज्य सेवा परीक्षा 2019 के जिनका रिजल्ट ही पांच साल में आया, उसमें 87 पद होल्ड है। जिसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी सहित कई बड़े पद शामिल है।
-    इसी तरह ईएसबी में भी जनवरी 2024 में इसे लागू कर दिया गया और अगस्त 2023 के बाद रुके हुए रिजल्ट को इसी से जारी किया जा रहा है, इसमें भी हजारों पद होल्ड पर चले गए हैं। 

कॉपियां भी देखने को नहीं मिल रही है

उधर, उम्मीदवारों को पीएससी द्वारा अंतिम रिजल्ट के बाद कॉपियां दिखाई जाती थी वह भी बंद है। जबकि 2019 व 2020 की परीक्षा भर्ती पूरी हो चुकी है। ऐसे में कई उम्मीदवारों को अपनी गलतियां भी पता नहीं चल रही है कि वह आखिर कहां चूक रहे हैं।

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