असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा से ठीक पहले एमपीपीएससी ने खोली विंडो, मैसेज भी भेजे, कोर्ट के आदेश के साथ ही आवेदन संभव

एमपीपीएससी ने एग्जाम विंडो फिर खोल दी है। लेकिन इस पर केवल कोर्ट के आदेश के साथ ही आवेदन संभव है। वहीं कोर्ट जाने की हैसियत न रखने वाले हजारों अभ्यर्थियों को एमपीपीएससी ने आवेदन करने से रोक दिया है।

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Ravi Singh
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एमपीपीएससी

संजय शर्मा. BHOPAL : असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए एमपीपीएससी ( MPPSC ) 9 जून को परीक्षा लेने जा रहा है। अभी पात्रता परीक्षा में 13% आरक्षण के कारण रिजल्ट होल्ड ( result hold ) होने का मसला भी नहीं सुलझा है। इस वजह से परीक्षा में शामिल होने से वंचित हजारों अभ्यर्थी मुश्किल में हैं। वो इसलिए क्योंकि जो अभ्यर्थी कोर्ट का आदेश ले आए हैं उनके लिए एमपीपीएससी ने एग्जाम विंडो फिर खोल दी है। लेकिन इस पर केवल कोर्ट के आदेश ( court order ) के साथ ही आवेदन संभव है। वहीं कोर्ट जाने की हैसियत न रखने वाले हजारों अभ्यर्थियों को एमपीपीएससी ने आवेदन करने से रोक दिया है। गुरुवार को एक और कैंडिडेट की अपील पर हाईकोर्ट जबलपुर में सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर फिर एमपीपीएससी से जवाब तलब किया है। जब तक एमपीपीएससी जवाब पेश करेगा तब तक परीक्षा हो जाएगी। अभ्यर्थियों ने इसको लेकर एमपीपीएससी को सैंकड़ों पत्र भी भेजे हैं लेकिन जवाब नहीं मिलने से भविष्य को लेकर चिंता में डूबे हैं।

हजारों अभ्यर्थियों का परिणाम होल्ड

मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग यानी एमपीपीएससी ने बीते साल SET-एग्जाम कराया था। हाल ही में इसका रिजल्ट जारी किया गया। एमपीपीएससी ने रिजल्ट 87% - 13% वाले फार्मूले के आधार पर जारी किया जिस वजह से हजारों अभ्यर्थियों का परिणाम होल्ड हो गया। ऐसे में वे पात्रता परीक्षा में कट ऑफ के ऊपर रहे या नीचे गए यह भी पता नहीं चल रहा है। रिजल्ट होने से अब हजारों परीक्षार्थियों असिस्टेंट प्रोफेसर ( assistant professor ) नियुक्ति परीक्षा की पात्रता से बाहर हो गए। रिजल्ट होल्ड किए जाने का मामला लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट में भी अपील कर चुके हैं लेकिन अभी इस पर निर्णय आना बाकी है। 

परीक्षा में शामिल करने खोली विंडो 

एमपीपीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति परीक्षा की घोषणा कर दी। परीक्षा 9 जून यानी की आज से दो दिन बाद। परीक्षा की तारीख घोषित होने के बाद कुछ अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे तो उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल गया है। लेकिन हजारों अभ्यर्थी जो आर्थिक परेशानी की वजह से कोर्ट नहीं जा सके उनसे एमपी पीएससी ने ये मौका छीन लिया है। दो दिन पहले यानी 4 जून को हाईकोर्ट जबलपुर में पिटीशन दायर करने वाले एक और अभ्यर्थी सुदीप्त चौधरी को भी एमपी पीएससी ने परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया है। इससे पहले रीवा के एक छात्र और इंदौर के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट जाने की वजह से परीक्षा में शामिल करने एमपीपीएससी ने पोर्टल पर अलग से विंडो ओपन कर दी है। परीक्षा को दो दिन शेष रहने की  वजह से आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को आवेदन के संबंध में ईमेल के जरिए संदेश भी भेजे जा रहे हैं।

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जिसका रिजल्ट होल्ड उनका क्या होगा 

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि SET-परीक्षा के रिजल्ट में आरक्षण लागू कर 87- 13% के फार्मूले से परिणाम होल्ड करने के लिए आयोग जिम्मेदार है। फिर इसका खामियाजा हजारों अभ्यर्थियों को क्यों भुगतना पड़ रहा है ? यदि 13% रिजल्ट होल्ड करने के मामले पर निर्णय आ जाता है तो क्या होगा ? एमपीपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में क्या इन अभ्यर्थियों को शामिल होने का अलग से मौका देगा? एमपीपीएससी द्वारा परीक्षा से वंचित ऐसे हजारों अभ्यर्थियों का क्या होगा ?  हाईकोर्ट ने जिस आधार पर एमपीपीएससी इसके लिए किस पर जवाबदेही तय करेगी ? ये वे सवाल हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं है।

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