संजय गुप्ता, INDORE. रिजल्ट जारी करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से सितंबर 2022 से लागू हुए 87-13 फीसदी फार्मूले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बैंच ने 5 अप्रैल को आदेश दिया था कि पीएससी ( PSC ) रुके हुए 13 फीसदी का रिजल्ट जार करे। लेकिन इस मामले में अब आयोग ने हाईकोर्ट में एक तिकड़म लगा ली है, कुल मिलाकर वह यह रिजल्ट जारी करने जा रहा है।
पीएससी ने यह कदम उठाया
हाईकोर्ट ने इस मामले में सात दिन में एक्शन लेने के लिए कहा था, और अगली सुनवाई 29 अप्रैल लगाई ( MPPSC )। लेकिन इस दौरान पीएससी ने विधिक सलाह ली और इसके बाद तय किया कि यह 13 फीसदी का रिजल्ट और मेरिट लिस्ट जारी नहीं करेंगे। इसके बाद आयोग ने चुपचाप एक आवेदन हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया है। इसमें कहा गया है कि यदि यह रिजल्ट और मेरिट लिस्ट जारी कर सार्वजनिक करते हैं तो इससे कई समस्या खड़ी हो जाएंगी। मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर लिटिगेशन में हैं, लेकिन इसके बाद भर्ती देने की मांग उठेगी। वहीं जिसके नंबर मूल रिजल्ट से ज्यादा होंगे वह कानूनी वाद में जाएगा। रिजल्ट आने के बाद फिर चयनित दायरे में आने वालों की भर्ती का दावा कानूनी रूप से और मजबूत होगा क्योंकि सवाल उठेंगे रिजल्ट आया तो फिर भर्ती क्यों नहीं दोगे। इसके चलते जब तक ओबीसी का मुद्दा पूरी तरह हल नहीं हो जाता है इसे जारी करना उचित नहीं होगा।
हाईकोर्ट में भी बढ़ती जा रही सुनवाई दे रही तकलीफ
उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक सप्ताह नहीं तो जब 29 अप्रैल को सुनवाई होगी, इसमें रिजल्ट जारी करने के आदेश हो जाएंगे। लेकिन 29 अप्रैल गुजर गया पहले यह तारीख मई पहले सप्ताह में लगी और फिर बिना सुनवाई के अब 25 मई को शिफ्ट हो गई। उधर इसमें अभी सुनवाई होना इसलिए मुश्किल लग रहा है कि क्योंकि हाईकोर्ट में भी गर्मियों की छुट्टी लगना है। माना यही जा रहा है कि सरकार नहीं चाहती लोकसभा चुनाव खत्म होने तक इस मामले में कुछ भी आगे हो।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जारी आदेश में यह कहा
हाईकोर्ट ने पांच उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करने के बाद निर्देश दिए हैं कि इस कैटेगरी में शामिल उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाए। लिखित आदेश में कहा कि- वह उन नाम और योग्यता रैंकिंग का खुलासा करें जो अनारक्षित और ओबीसी कैटेगरी के लिए 13 फीसदी सूची में हैं। विज्ञापित रिक्तियां और याचिकाकर्ताओं की मेरिट रैंकिंग का भी खुलासा होनी चाहिए। यह भी खुलासा होना चाहिए कि क्या याचिकाकर्ताओं की तुलना में कम योग्यता रैंकिंग हासिल करने वाले किसी भी उम्मीदवार को पद भरने के लिए 87 फीसदी में नियुक्त किया गया है। वहीं इसे लेकर हाईकोर्ट ने मप्र शासन और पीएससी से एक सप्ताह में जवाब मांगा है जिसमें 29 अप्रैल को अगली सुनवाई लगाई गई है।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा सभी का रिजल्ट होगा ओपन
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने द सूत्र को बताया कि हाईकोर्ट ने इसमें 13 फीसदी कैटेगरी में आए ओबीसी व अनारक्षित सभी छात्रों की सूची जारी करने के आदेश दिए हैं। अब पीएससी मेरिट क्रम में यह सूची जारी करता है या आगे क्या करता है, यह उनके 29 अप्रैल के जवाब में तय होगा।
87-13 फीसदी का यह है विवाद
87-13 फीसदी फार्मूले में पीएससी ने पदों को दो कैटेगरी में बांटा हुआ है, यह प्री स्तर पर ही कर दिया गया है जो मेंस और अंतिम रिजल्ट तक लागू होगा। प्री में दोनों कैटेगरी के उम्मीदवारों के रिजल्ट घोषित हो रहे हैं ताकि मेंस क्वालीफायर का पता चल सके, फिर मेंस में पास वालों की सूची भी जारी हो रही है, जिससे पता चल सके कि 87 और 13 फीसदी कैटेगरी में कौन इंटरव्यू देने के लिए पात्र है। लेकिन इसके बाद अंतिम रिजल्ट में 13 फीसदी की कोई सूची मेरिट लिस्ट जारी नहीं हो रही है। यह बंद लिफाफे में हैं। इसमें तय किया गया है कि जब ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी रहेगा या 14 फीसदी होगा, उस पर कोर्ट से फैसला आने के बाद ही लिफाफा खुलेगा। यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी होता है तो यह 13 फीसदी रूके पद ओबीसी में चले जाएंगे नहीं तो फिर अनारक्षित कैटेगरी वालों को यह पद जाएंगे।
इसके चलते कई पद होल्ड है
इसके चलते साल 2019, 2020 राज्य सेवा, राज्य वन सेवा सहित कई परीक्षाओं के रिजल्ट यहां तक कि सेट क्वालीफायर के अंतिम रिजल्ट भी आयोग ने 87 फीसदी के ही जारी किए और बाकी 13 फीसदी पद हर परीक्षा में होल्ड हो गए हैं। इसके चलते उम्मीदवारों को यह पता नहीं चल रहा है कि वह मेरिट में किस स्थान पर है, कल को यदि ओबीसी या अनारक्षित जिस कैटेगरी के पक्ष में भी फैसला आता है तो क्या इसके बाद भी वह मेरिट में हैं कि नहीं? यही जानने के लिए उम्मीदवार लगातार मांग कर रहे हैं। मेरिट क्रम क्लियर होने से उन्हें भविष्य के लिए अपनी स्थिति साफ हो सकेगी। कई पद इसी 13 फीसदी के फेर में उलझ गए हैं।
कॉपियां भी देखने को नहीं मिल रही है
उधर उम्मीदवारों को पहले जो अंतिम रिजल्ट के बाद कॉपियां दिखाई जाती थी वह भी बंद है। जबकि 2019 व 2020 की परीक्षा भर्ती पूरी हो चुकी है। ऐसे में कई उम्मीदवारों को अपनी गलतियां भी पता नहीं चल रही है कि वह आखिर कहां चूक रहे हैं।
उधर कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) में भी यही हाल है
इसी फार्मूले को मप्र शासन ने जनवरी 2024 में कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) में भी लागू कर दिया, जिसके बाद वहां भी अब 87 फीसदी ही अंतिम रिजल्ट जारी हो रहा है और 13 फीसदी पद होल्ड हो गए हैं। वहां करीब आठ हजार पदों की भर्ती रूक गई है। इसी तरह पीएससी में भी सैंकड़ों पद होल्ड हो चुके हैं।