संजय गुप्ता@ INDORE.
मप्र लोक सेवा आयोग ( PSC ) द्वारा इस सप्ताह दो रिजल्ट देने की कोशिश की जा रही है। इसमें एक है राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम भर्ती रिजल्ट और दूसरा है राज्य सेवा मेन्स 2022 का रिजल्ट।
मप्र लोक सेवा आयोग और उम्मीदवारों के लिए अब नया सप्ताह रिजल्ट वाला बन सकता है। आयोग ने पूरी कोशिश शुरू कर दी है कि वह अब सबसे अहम रिजल्ट का जारी कर दे। लंबे समय बाद राज्य सेवा परीक्षा 2019 और 2020 के अंतिम रिजल्ट से मप्र शासन को 600 से ज्यादा नए अधिकारी मिले थे। जिन्हें हाल ही में शासन ने नियुक्ति पत्र दिए थे। अब आयोग राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम रिजल्ट जारी करने जा रहा है। इससे मप्र शासन को 248 नए अधिकारी और मिलेंगे। ( MPPSC )
क्या है राज्य सेवा परीक्षा 2021 की स्थिति
राज्य सेवा परीक्षा 2021 के इंटरव्यू 18 अप्रैल से 24 मई तक चले थे। इसमें कुल 290 पद है, जिसके लिए 1046 उम्मीदवारों के इंटरव्यू पूरे हो चुके हैं। 87-13 फीसदी फार्मूले की बात करें तो आयोग ने 87 फीसदी फार्मूले में 248 पद रखे हैं, जिसमें 794 उम्मीदवारों के इंटरव्यू हुए हैं। अंतिम रिजल्ट इन्हीं पदों के लिए जारी होगा। बाकी 13 फीसदी पद जिसमें 42 पद है और 252 उम्मीदवार है, उनके नाम लिफाफे में बंद रहेंगे और सार्वजनिक नहीं होगा। इंटरव्यू के बाद इंटरव्यू के नंबर जोड़ने और स्क्रूटनी का काम सोमवार से शुरू हो रहा है। कोशिश यही की जा रही है कि सप्ताह भर में इसका रिजल्ट जारी कर दिया जाए।
राज्य सेवा परीक्षा मेन्स 2022 का रिजल्ट इसी सप्ताह
राज्य सेवा परीक्षा 2022 की मेन्स के रिजल्ट को लेकर भी लंबे समय से उम्मीदवारों की नजरें हैं। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के चलते मूल्यांकन में काफी देरी हुई है। अब यह काम खत्म हो चुका है और आयोग इसी सप्ताह इसका रिजल्ट देने जा रहा है। यह रिजल्ट की तय तारीख तो सामने नहीं आई है, लेकिन बुधवार के बाद यह किसी भी दिन जारी हो सकता है। इस परीक्षा पर इसलिए नजरें हैं क्योंकि इसमें हाल के समय में सर्वाधिक पद (2019 के 571 पद के बाद) 427 है। इसमें 13 हजार से ज्यादा उम्मदीवार मेंस में शामिल हुए थे। रिजल्ट आने के बाद फिर इंटरव्यू आयोजित कराए जाएंगे।
13 फीसदी पर हाईकोर्ट में इसी सप्ताह सुनवाई
उधर, 13 फीसदी रूके हुए रिजल्ट को लेकर हाईकोर्ट में इसी सप्ताह सुनवाई संभावित है। सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में पीएससी ने आवेदन लगा दिया है, जिसमें यह रूके रिजल्ट को सार्वजनिक करने से होने वाली तकनीकी समस्या का हवाला देने क साथ ही ओबीसी आरक्षण विवाद सुप्रीम कोर्ट में चलने की बात कही है। इससे पहले हाईकोर्ट साफ आदेश कर चुका है कि पीएससी इन 13 फीसदी रूके रिजल्ट की सूची सार्वजनिक करें। इसमें सभी की नजरें इसी बात पर होंगी कि क्या आयोग के आवेदन को हाईकोर्ट मंजूर करता है या फिर अपने पुराने आदेश को ही यथावत रखते हुए आयोग को आदेश जारी करता है कि तय समय में यह सूची जारी की जाए। इसे लेकर हजारों उम्मीदवार अंतिम चयन के लिए अटके हुए हैं और उनकी नजरें इसी बात पर है कि जब हाईकोर्ट ने अंतिम रिजल्ट पर कभी रोक ही नहीं लगाई तो केवल एक जीएडी के फार्मूले के आधार पर यह रिजल्ट क्यों रोका जा रहा है और आखिर कब तक रोका जाएगा, इसका भी कोई जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं सरकार खुद भी इसका हल निकालने की मंशा में बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में हजारों युवा पीएससी हो या ईएसबी दोनों जगह इस 13 फीसदी के फार्मूले में उलझे हुए हैं।
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