MPPSC की अब मेडिकल ऑफिसर परीक्षा अटकी, हाईकोर्ट ने कहा 50 फीसदी पद कांट्रेक्ट वालों को देने की अधिसूचना का हो पालन
मप्र लोक सेवा आयोग की 895 पदों की मेडिकल ऑफिसर्स भर्ती परीक्षा हाईकोर्ट के आदेश से स्थगित हो गई है। कोर्ट ने 8 जुलाई की अधिसूचना का पालन न होने पर नया विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया।
मप्र लोक सेवा आयोग की एक और भर्ती परीक्षा अटक गई है। यह परीक्षा 895 पद की मेडिकल ऑफिसर्स की है। इसे लेकर याचिका दायर हुई थी, इसमें कहा गया था कि पीएससी की भर्ती परीक्षा में मप्र शासन के 8 जुलाई को जारी हुई अधिसूचना का पालन नहीं हुआ है। ऐसे में यह प्रक्रिया गलत है। इसे हाईकोर्ट ने सही पाया।
इन्होंने यह लगाई थी याचिका
हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में प्रांतीय संविदा मेडिकल ऑफीसर्स एसोसिएशन की ओर से याचिका दार हुई थी, इसमें मप्र शासन पार्टी था। इनका कहना था कि जो 895 पदों की भर्ती निकाली गई है, इसमें कांट्रेक्ट वालों को 50 फीसदी पद रखे जाने थे, लेकिन यह नहीं रखे गए हैं। जबकि मप्र शासन 8 जुलाई 2024 को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर चुका है। लेकिन बिना इसका पालन किए हुए 29 सितंबर तक सभी से आवेदन बुलाए गए हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि पक्षकारों को जवाब देने के लिए समय देना चाहते थे, लेकिन इसमे दिख रहा है कि 8 जुलाई की अधिसूचना का पालन नहीं किया गया है। इसमें संविदा चिकित्सा अधिकारियों को 50 फीसदी आरक्षण तय हुआ है। इसलिए पक्षकारों को निर्देश दिया जाता है कि 8 जुलाई के नोटिफिकेशन के पालन के तहत नया विज्ञापन जारी किया जाए। इस मामले में 3 अक्टूबर को फिर सुनवाई होगी।
इसके बाद पीएससी ने जारी की सूचना
इसके बाद पीएससी ने एक अक्टूबर रात को सूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया कि आयोग द्वारा मप्र शासन चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों के लिए 8 अगस्त को विज्ञापन जारी किया था। इस मामले में याचिका 29604 पर आए हाईकोर्ट के 27 सितंबर के आदेश के पालन में विज्ञापन के संबंध मे चयन प्रक्रिया की कार्रवाई अगले आदेश तक स्थगित की जाती है।
इतने पद थे
सामान्य के लिए 151, एससी के लिए 421, एसटी के लिए 42, ओबीसी के लिए 151 औऱ् ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 151, इस तरह कुल 895 पदों के लिए भर्ती होना थी। यह इंटरव्यू के जरिए भर्ती की जाना थी, इसके लिए आवेदक के पास एमबीबीएस की डिग्री या इसके समतुल्य मान्यता प्राप्त डिग्री होना जरूरी थी। साथ ही मप्र चिकित्सा परिषद में पंजीकरण जरूरी था। मेरिट के आधार पर पद से पांच गुना उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता, यदि आवेदन बहुत अधिक आते तो फिर आयोग लिखित परीक्षा कराने पर भी विचार करता। इंटरव्यू सौ अंक का प्रस्तावित है।