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एनईवाययू (NEYU- नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन) के बैनर तले पीएससी के बाहर बुधवार सुबह से रविवार अलसुबह तक लगातार 90 घंटे चले महाआंदोलन के बाद कई मांगों पर सहमति बनी थी। इन मांगों के बाद प्रतिनिधिमंडल की रविवार सुबह सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ मुलाकात भी हुई और इसमें कई मांगों पर सहमति बनी। उधर पुलिस ने दो थानों में इन आंदोलनकारियों के नेताओं और कोचिंग संचालकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक (restrictive) धाराओं में केस दर्ज कर लिया। इन सभी मुद्दों के लेकर मंगलवार शाम को एनईवाययू के साथ कलेक्टर आशीष सिंह की सिटी बस ऑफिस में आधे घंटे तक चर्चा हुई।
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कलेक्टर ने कहा एक- दो माह में हो जाना चाहिए
कलेक्टर सिंह ने 'द सूत्र' को बताया कि पीएससी को लेकर जो प्रदर्शन हुआ था। इसके लिए प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला था और सीएम ने उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक रूख दिखाया गया था। उनके द्वारा भी अधिक से अधिक भर्तियां निकालने का आश्वासन दिया गया है। इसी को लेकर प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था। पीएससी और शासन की तरफ से जो पॉइंट है उस पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, यह जानकारी उन्हें दी गई है। पीएससी से भी जो बात हुई है, इसमें यह सामने आया है कि बोर्ड की जो पहली मीटिंग होगी, इसमें कॉपी दिखाने वाला प्रस्ताव फैसले के लिए रखा जाएगा। द सूत्र के इस सवाल पर कि यह सब कब तक होगा, इस पर कलेक्टर ने कहा कि बोर्ड की बैठक नियमित होती है, तो मुझे लगता है कि एक-दो माह में यह हो जाना चाहिए।
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एनईवाययू यह बोला
वहीं कलेक्टर से मुलाकात के बाद एनईवाययू ने 'द सूत्र' के कई सवालों के जवाब दिए। रणजीत किसनवंशी ने कहा कि मुलाकात ठीक रही, हमने पहला मुद्दा यही उठाया कि हमारी मांगों पर कब तक सरकार और पीएससी काम करेगा। खासकर ज्यादा से ज्यादा पद लाने पर और कॉपियां दिखाने पर। हमें आश्वासन दिया गया कि भोपाल स्तर पर पदों को लेकर काम हो रहा है और पीएससी अगली बोर्ड बैठक में कॉपियां दिखाने के प्रस्ताव को रखेगा। इस दौरान हमने यह भी कहा कि जब सहमति से आंदोलन खत्म हुआ और शांति से हुआ तो फिर केस दर्ज क्यों किया गया, इससे तो आगे के लिए हमारा भरोसा खत्म होगा। इस पर कलेक्टर साहब ने हमें कहा है कि वे इस मामले को देखेंगे और इसे खत्म कराने की कोशिश की जाएगी। वहीं आंदोलन को खत्म करने और दबाव के लग रहे आरोपों पर रणजीत ने साफ कहा कि यह गलत बात है, आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से सभी से पूछकर ही खत्म हुआ है और इसके वीडियो भी सभी के पास मौजूद है, हमने बकायादा खुली वोटिंग प्रक्रिया अपनाई थी। हमारा इसमें कोई हित नहीं है, यह केवल साथी युवाओं के लिए था जो लंबे समय से कम पद होने, कॉपियां नहीं दिखाने जैसे कारणों से परेशान है, लेकिन कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। उन्हें लेकर कुछ नहीं किया जा सकता है।
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कब तक इंतजार करेगा युवा
रणजीत से 'द सूत्र' ने पूछा कि आखिर आप कब तक मांग पूरी होने का इंतजार करेंगे। इस पर साफ कहा कि जनवरी में हम देखेंगे कि हमारी मांगों पर क्या हो रहा है। जनवरी देखने के बाद फिर सभी से बात कर आगे कदम बढ़ाएंगे। कोई भी केस हमे युवाओं की मांग उठाने से रोक नहीं सकता है। इस आंदोलन से युवाओं को वह हासिल हुआ है जो चार साल से नहीं हो रहा था। अब आयोग और सरकार युवाओं की बात सुन रही है। हम भी नजर रखे हुए हैं कि आगे इन मांगों पर क्या होता है, कब सुधार के लिए समिति बनती है और कितने पद आते हैं।
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