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मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा मेंस 2025 के जल्द होने की उम्मीदें धूमिल होने लगी हैं। मप्र हाईकोर्ट जबलपुर में इस केस की सुनवाई 21 जुलाई हुई थी, इसके बाद इसे 5 अगस्त के लिए संभावित रखा गया था लेकिन अभी तक इसकी सुनवाई नहीं हुई है। वहीं अब इस केस की जो संभावित सुनवाई हाईकोर्ट की साइट पर आई है, वह उम्मीदवारों को निराश करने वाली है। पूर्व में इसकी मेंस 9 जून से होना थी, जो हाईकोर्ट की रोक के बाद टल गई।
हाईकोर्ट ने यह बताई संभावित सुनवाई
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच में 21 जुलाई को इसकी सुनवाई हुई थी और इसमें बेंच ने कहा था कि कोर्ट द्वारा मेंस पर कोई रोक नहीं है, आप इसका शेड्यूल हाईकोर्ट में दीजिए। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी गई और तारीख आई 5 अगस्त। लेकिन इसके बाद से ही सुनवाई नहीं हुई है। अब यह नई सुनवाई तारीख 4 सितंबर बताई जा रही है लेकिन इसमें भी एक पेंच है, यह कंप्यूटर जनरेटेड है, यानी वाकई इस दिन सुनवाई होगी या नहीं यह सही मायने में 3 सितंबर को केस लिस्ट से ही क्लियर होगा। याचिका क्रमांक WP 9253/2025 और 11444/2025 है।
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अब पीएससी के सामने दिक्कत क्या है
दरअसल आयोग ने 5 अगस्त को सुनवाई का देखते हुए राज्य सेवा मेंस 2025 के लिए मिड सितंबर का शेड्यूल बना लिया था, लेकिन सुनवाई ही नहीं हुई। अब जब भी सुनवाई होगी, उस हिसाब से आयोग को अब नया शेड्यूल पुटअप करना होगा। कारण है कि औसतन 40 दिन तो मेंस कराने में लगते ही हैं, जिसमें उम्मीदवारों से मेंस के फार्म लेना, स्क्रूटनी, सेंटर तय करना व अन्य व्यवस्थाएं रहती हैं। यानी पांच सितंबर को यदि सुनवाई होती है और सब कुछ ठीक होता है तो भी यह अक्टूबर के पहले सप्ताह के बाद ही संभव होगी और यदि थोड़ा और डिले होती है तो फिर दिवाली 20 अक्टूबर के बाद ही होगी।
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इसलिए लगी है याचिका
याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा नियम 2015 को लेकर आपत्ति ली है और कहा है कि यह नियम संविधान के विरुद्ध है। इस नियम के अनुसार यदि किसी उम्मीदवार ने किसी स्तर पर आरक्षण का लाभ लिया है तो उसे फिर अंतिम मेरिट तक अपनी कैटेगरी में ही रहना होगा और वह अंकों के आधार पर अनारक्षित में नहीं आ सकते हैं। हालांकि यह नियम साल 2000 से ही चल रहा है और केंद्र के कार्मिक मंत्रालय भी यूपीएससी में यह नियम लागू करता है। इसी कारण से यूपीएससी टॉपर रह चुकीं टीना डाबी को मेरिट में टॉप के बाद भी उनकी आरक्षित सीट में ही रखा गया था और अनारक्षित में शिफ्ट नहीं किया गया था। उम्मीदवार सामान्य तौर पर प्री कटऑफ अंक में, उम्र में छूट लेते हैं, इसके कारण फिर उन्हें अनारक्षित में नहीं रखते हैं।
अभी तक किस सुनवाई में क्या हुआ
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