संजय गुप्ता @ INDORE. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ( MPPSC ) की राज्य सेवा परीक्षा 2023 को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट (high court ) का फैसला आने के बाद कई हजारों, लाखों उम्मीदवार उलझन में हैं। उम्मीदवारों के कई सवाल के मैसेज द सूत्र (thesootr ) को मिल रहे हैं। ऐसे में द सूत्र ने जानकारों से और पीएससी से इस बारे में बात की और समझा इन सवालों के जवाब क्या हो सकते हैं। फिलहाल एक लाइन में जान लेते हैं कि पीएससी क्या कह रहा है? तो पीएससी के ओएसडी रविंद्र पंचभाई ( PSC OSD Ravindra Panchbhai ) का बयान है कि हाईकोर्ट के लिखित आदेश को आने के बाद विधिक सलाह लेंगे, विशलेषण करेंगे और फिर आगे फैसला किया जाएगा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
क्या फैसला आया है और स्थिति क्या है ?
जबलपुर हाईकोर्ट ने पीएससी 2023 के प्री के सवालों को लेकर उम्मीदवारों की लगी आपत्तियों पर हाल ही में फैसला सुनाया है, लेकिन यह फैसला उन्होंने मौखिक तौर पर सुनाया है और डिक्टेट किया था। लेकिन अभी लिखित औपचारिक आदेश आना बाकी है। ऐसे में सभी को अगले कदम के पहले औपचारिक लिखित आदेश का इंतजार करना होगा।
क्या है आदेश में जो मौखिक तौर पर सुनाया गया ?
1. प्री के दो सवाल प्रेस की स्वतंत्रता वाले का जवाब गलत है यह डिलीट होगा, यानि इसके नंबर सभी उम्मीदवारों को दो-दो अंक मिलेंगे। वहीं एक अन्य सवाल कबड्डी का मुख्यालय कहां, इसका जवाब आयोग ने दिल्ली दिया जबकि सही जवाब जयपुर माना गया है। यानि जिन्होंने जयपुर दिया उन्हें दो अंक मिलेंगे और जिनका दिल्ली था उनका जवाब गलत माना जाएगा।
2. प्री की मेरिट लिस्ट फिर जारी होगी, लेकिन राज्य सेवा की मेंस हो चुकी है, इसलिए इसकी नहीं होगी लेकिन राज्य वन सेवा की मेंस 30 जून को होना है। इसके लिए आयोग को फिर से प्री का रिजल्ट जारी करने का कहा गया है, इन दोनों ही सवालों के नए जवाब के आधार पर।
3. इस फैसले का लाभ केवल याचिकाकर्ता नहीं बल्कि सभी को मिलेगा।
अब इसे लेकर उठ रहे सवालों के जवाब
सवाल-जबलपुर हाईकोर्ट का फैसला कब तक ?
जवाब- सुनवाई के दौरान ही जस्टिस ने मौखिक आदेश डिक्टेट करा दिया था, दो दिन छुट्टी के चलते यह रुक गया, माना जा सकता है कि सोमवार को यह आदेश आ सकता है।
सवाल-क्या स्पेशल मेंस होगी ?
जवाब- जस्टिस ने मौखिक फैसले में इसकी बात नहीं कही है। यानि इसका आदेश हाईकोर्ट से नहीं होगा।
सवाल-फिर उम्मीदवार क्या करें जो फैसले के बाद कटऑफ के दायरे में आ रहे हैं, मेंस के लिए पात्र है ?
जवाब- उम्मीदवारों के पहले तो लिखित फैसला देखना होगा। फिर जो हाईकोर्ट ने सवालों के जवाब माने हैं. उनके आधार पर वह पहले चेक करें कि पीएससी के कटऑफ में उनके नंबर अब जोड-घटाव के बाद आ रहे हैं, यादि आ रहे है तो उन्हें इस हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में फिर अपील करना होगी, कि उनका अधिकार बनता है। जब पीएससी खुद 2019 के मामले में स्पेशल मेंस करा सकता है, क्योंकि दो प्री रिजल्ट बन गए थे, तो फिर 2023 में जो नए उम्मीदवार पास हो सकते हैं, उनकी लिस्ट जारी की जाए और स्पेशल मेंस कराई जाए। लेकिन यह अपील उम्मदीवारों को हाईकोर्ट से करना होगी।
सवाल-लेकिन नई मेरिट में जो पहले पास घोषित है, इसमें कुछ फेल भी होंगे उनका क्या होगा ?
जवाब- जो एक बार पास हो चुके हैं, मेंस दे चुके हैं। यह फैसला उन पर लागू होगा यह मुश्किल है।ल लेकिन 2019 की बात करें तो पीएससी ने ही पहले पास घोषित और बाद में फेल आए को मेंस देने के बाद भी बाहर कर दिया था। ऐसे में हाईकोर्ट में जब फिर से प्री का रिजल्ट जारी कर नए पात्र लोगों के लिए स्पेशल मेंस की मांग होगी, तब उसी समय इस पर भी स्थिति स्पष्ट होगी।
सवाल-पीएससी क्या कर सकता है ?
जवाब- पीएससी इस फैसले को आसानी से मानेगा ऐसा उनके पुराने रवैए से लगता नहीं है। पीएससी संभव है कि इस फैसले के खिलाफ स्टे लेने रिट अपील में जाए। इसके पहले पीएससी विधिक सलाह लेगा और इसके आधार पर वह अपील में जा सकता है।
सवाल-पीएससी को स्टे तो फिर राज्य वन सेवा के रिजल्ट का क्या होगा ?
जवाब- यदि पीएससी को स्टे मिल गया तो मामला फिर वहीं आ जाएगा और रिजल्ट वहीं पुराना मान्य होगा और पीएससी पुराने रिजल्ट से ही राज्य वन सेवा कराएगा। कानूनी विवाद में किस पक्षकार को क्या हाईकोर्ट से आदेश मिलता है (उम्मीदवार हो या पीएससी) उसके आधार पर ही इसकी मेंस भी तय होगी।
सवाल-पीएससी राज्य सेवा 2023 का क्या होगा ?
जवाब- यह कुछ-कुछ 2019 के कानूनी वाद जैसे में उलझ गया है। क्योंकि अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उम्मीदवार हक मांगने हाईकोर्ट जाएंगे और पीएससी भी कानूनी लड़ाई लड़ेगा। अब किसके पक्ष में क्या फैसले आते हैं और कौन अपील में जाता है, यह लंबा चलेगा, कोई बड़ी बात नहीं मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाए। यानि मेंस का रिजल्ट आ गया और इंटरव्यू भी हो गए तब भी उम्मीदवार उलझन में रहेगा कि कहीं प्री का नए सिरे से रिजल्ट नहीं बने और वह फेल नहीं हो जाए। हालांकि जो कटऑफ में इन दो सवालों के जवाब के बाद भी ऊपर है उन्हें फर्क पड़ने की आशंका नहीं है, लेकिन आरक्षण आदि नियमों के चलते देखना होगा कि नए रिजल्ट में कौन कहां चला जाता है।
पीएससी को वास्तव में करना क्या चाहिए ?
पुराने कानूनी वाद को देखते हुए जानकारों के मानना है कि लड़ाई को आगे बढ़ाने की जगह पीएससी को हाईकोट के आदेश का पालन करना चाहिए। वहीं रही बात राज्य सेवा परीक्षा 2023 की स्पेशल मेंस की तो यह उम्मीदवारों के हाईकोर्ट में जाने और वहां से फैसला आने पर निर्भर करता है। जानकारों का कहना है कि पीएससी के लिए सबसे उचित यही रहेगा कि वह हाईकोर्ट के जो-जो फैसले आते जाएं, उसे मानकार आगे बढ़ते जाए, जितना स्टे लेने और बचने की कोशिश करेगा, यह पीएससी 2023 उलझती जाएगी। क्योंकि पीएससी को स्टे मिला भी तो उम्मीदवार यहीं नहीं रूकेगा वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा।