नील तिवारी, JABALPUR. विमान रोकेंगे लोग : संस्कारधानी जबलपुर में कुछ अलग और बड़ा होने जा रहा है। जी हां, सही पढ़ा आपने। लगातार फ्लाइट की मांग करने वाले शहर के वरिष्ठ लोगों ने अब एक अलग तरह का प्लान बनाया है। मुंबई की डेली फ्लाइट चालू कराने के लिए 'विमान रोको आंदोलन' ( aircraft stop movement ) किया जाएगा। संभवत: देश में अपने तरह का यह अनूठा आंदोलन होगा। आपने ट्रेन की मांग को लेकर रेल यातायात बाधित करने के मामले तो ढेर सुने होंगे, लेकिन यहां जबलपुर के बाशिंदे विमान यानी फ्लाइट रोकेंगे। इस आंदोलन की रूपरेखा बनाई जा रही है। 6 जून को नो फ्लाइंग डे ( no flying day ) मनाया जाएगा।
लगातार कम हो रही फ्लाइट का का विरोध
पिछले लंबे समय में जबलपुर से अन्य शहरों के लिए जाने वाली उड़ानों की संख्या लगातार कम हो रही है। जबलपुर शहर में करोड़ों रुपए की लागत से नए टर्मिनल का भी उद्घाटन कर दिया गया है पर उसके बाद भी फ्लाइट की संख्या लगातार काम हो रही है। हाल ही में जबलपुर से मुम्बई जाने वाली साप्ताहिक फ्लाइट भी स्पाइसजेट द्वारा रद्द कर दी गई। हालांकि स्पाइसजेट के सूत्रों के अनुसार 25 में से वह मुंबई के लिए साप्ताहिक फ्लाइट शुरू करने वाले हैं पर इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
जबलपुर से भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
जबलपुर में घटती उड़ानों की संख्या के कारण नागरिकों को हो रही असुविधा को देखते हुए वायु सेवा संघर्ष समिति गठित की गई है इस समिति में शहर के उद्योगपति, व्यापारी, वरिष्ठ नागरिक महिलाएं, युवा वर्ग, अधिवक्ताओं के अलावा अनेक क्षेत्र से नागरिक जुड़े हुए हैं। इसके पहले भी समिति ने पत्रों और सूचनाओं के जरिए अपने विरोध को प्रदर्शित किया है पर अब समिति ने निर्णय लिया है कि जबलपुर से किया जाए जा रहे भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
6 जून को आंदोलन की वजह
दरअसल मध्य प्रदेश में अभी लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है, जिस कारण से बिना अनुमति किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। आचार संहिता 4 जून को समाप्त हो रही है इसलिए इस बड़े आंदोलन के लिए 6 जून का दिन नियत किया गया है।
जबलपुर से भेदभाव पर विमानन मंत्री उदासीन
वायु सेवा संघर्ष समिति के हिमांशु खरे ने बताया कि इंदौर ग्वालियर जैसे अन्य शहरों में विमान की कटौती नहीं हो रही बल्कि विमान की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं जबलपुर के साथ लगातार पक्षपात किया जा रहा है और अब यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एवं जबलपुर को उसका खोया हुआ अधिकार वापस दिलाया जाएगा। समिति की मांग है कि जबलपुर को पहले की तरह मुंबई, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई अहमदाबाद आदि शहरों से वायु मार्ग से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि जबलपुर की वायु सेवाओं की दयनीय स्थिति के विषय पर वायु सेवा संघर्ष समिति पिछले दो माह से आंदोलनरत है लेकिन न ही प्रदेश शासन और ना ही केंद्रीय विमानन मंत्री इस ओर अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं।
विमान रोको आंदोलन, नो फ्लाइंग डे
अब जबलपुर सहित संपूर्ण महाकौशल, शहडोल और विंध्य क्षेत्र के लोग जो जबलपुर से विमान सेवा का लाभ उठाते हैं वह भी इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं। इस आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए नागरिकों से आग्रह किया जा रहा है कि वह 6 जून के लिए किसी भी विमान यात्रा का टिकट न खरीदें। इसके साथ ही बड़ी संख्या में नागरिक डुमना एयरपोर्ट के पास एकत्रित होंगे जो डुमना के ओर होने वाले आवागमन को भी रोकेंगे। इस मुहिम से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी जुड़ रहे हैं जिनकी एक बैठक समिति के साथ जल्द होने वाली है।
आपातकालीन यात्रियों को नहीं रोकेगी समिति
समिति के द्वारा की गई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में उड़ान भरने वाले यात्री को नहीं रोका जाएगा और इस मुहिम से जुड़े लोगों की यही प्राथमिकता होगी कि 6 जून के दिन टिकट ही ना खरीदे जाएं, ताकि इस दिन घाटे में उड़ने वाली फ्लाइट विमान कंपनियों की नजर में आए और उनका विरोध दर्ज हो सके।
हैशटैग होगा ट्रेंड
वायु सेवा संघर्ष समिति के अजीत सिंह पवार ने बताया कि हैश टैग #उड़ान_ जबलपुर को सभी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर उपयोग कर ट्रेंड किया जाएगा। देश-विदेश में जबलपुर से जुड़े हुए सभी युवा वर्ग, डॉक्टर, चिकित्सक, इंजीनियर, उद्योगपति, व्यापारी से भी निवेदन किया जाएगा की #उड़ान जबलपुर ( flight jabalpur ) हैश टैग का उपयोग करते हुए इस मुहिम को प्रभावी बनाएं ताकि शासन भी जबलपुर की आवाज सुनने को मजबूर हो सके।