/sootr/media/media_files/2025/04/25/ENqIMcW8ZdKzB6FGJ1oD.jpg)
MP NEWS: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में देशभर से घूमने आए सैलानियों को निशाना बनाया गया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले से पूरे देश में गहरा आक्रोश फैल गया है। 25 अप्रैल यानी आज मध्य प्रदेश के जबलपुर में मुस्लिम समाज ने इस आतंकी घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। रजा चौक और ओमती तिराहे पर हुए इस प्रदर्शन में पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पुतला जलाकर कड़ा विरोध जताया गया।
आतंकवाद मजहब के नाम पर धब्बा है
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक एस. के. मुद्दीन ने कहा, “आतंकवादी न तो इस्लाम के प्रतिनिधि हैं और न ही किसी मजहब के। वे केवल इंसानियत के दुश्मन हैं। इस्लाम मोहब्बत, शांति और भाईचारे का धर्म है, और जो लोग इसके नाम पर खून बहाते हैं, वे केवल कलंक हैं।” उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत का मुस्लिम समाज इन ताकतों के खिलाफ एकजुट है।
'हिंदू-मुस्लिम एकता को नहीं तोड़ सकते आतंकी'
प्रदर्शन के दौरान मतीन अंसारी ने कहा कि भारत की मिट्टी में सांप्रदायिक सौहार्द की गहरी जड़ें हैं। “हम मुस्लिम हैं, लेकिन हमारी पहचान भारतीय भी है। हम सदियों से अपने हिंदू भाइयों के साथ मिलकर रहते आए हैं। मजहब अलग हो सकता है, लेकिन वतन की मोहब्बत एक है। आतंकवादी ताकतें इस एकता को तोड़ना चाहती हैं, पर हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे,” उन्होंने कहा।
ये खबर भी पढ़िए... मप्र वेयर हाउसिंग के नवाचार ने लगाई सरकार को करोड़ों की चपत
सख्त कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से मांग की कि ऐसे आतंकी हमलों के पीछे सक्रिय पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि केवल निंदा से काम नहीं चलेगा, बल्कि इन आतंकवादी अड्डों को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी मांग की गई कि भारत, पाकिस्तान को आतंकवाद के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाबदेह बनाए।
जबलपुर से भाईचारे और राष्ट्रीय एकता का संदेश
यह प्रदर्शन केवल विरोध का नहीं, बल्कि सौहार्द, भाईचारे और राष्ट्रभक्ति का संदेश भी था। मुस्लिम समाज ने साफ कर दिया कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और देश की सुरक्षा व शांति के लिए सभी समुदायों को मिलकर आवाज उठानी होगी। जबलपुर से उठी यह आवाज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि मजहब चाहे कोई भी हो, इंसानियत सबसे ऊपर है।
ये खबर भी पढ़िए... एमपी में अब बिजली कर्मचारियों के होंगे ऑनलाइन ट्रांसफर, 30 अप्रैल तक करें आवेदन
पहलगाम में आतंकी हमला