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मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज (शुक्रवार) अपने आठवें दिन में प्रवेश कर गया है, और इस दिन की कार्यवाही के दौरान एक घटना घटी। जब कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था के मुद्दे को उठाया, तो सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने अपने और अपने बेटे पर दर्ज अपराध के मामलों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनके लिए चुनाव लड़ना अब अपराध बन गया है, और उनके खिलाफ थाना चोरहटा में अपराध दर्ज किया गया है।
इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ( Minister Narendra Shivaji Patel ) भावुक हो गए और उच्च स्तरीय जांच के साथ ही थाना प्रभारी (TI) को निलंबित करने का ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि यदि परिवार से जुड़ा कोई मसला है, तो उसे न्याय मिलने के लिए अन्य रास्ते भी हो सकते हैं, और वह खुद इस मामले की गहरी जांच करवाएंगे।
कांग्रेस विधायक ने न्याय की मांग की
अभय मिश्रा ने अपनी और अपने बेटे के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर दुख जताया और कहा कि वह न्याय के लिए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के चरणों में गिरने को भी तैयार हैं, लेकिन इस मामले में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर मंत्री पटेल ने कहा कि कोई भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और पुलिस का मनोबल बनाए रखने के लिए वे थाना प्रभारी को हटाकर जांच कराएंगे।
मंत्री पटेल ने की जांच की घोषणा
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने आगे कहा, हम इस मामले को गंभीरता से देखेंगे और इसकी पूरी जांच कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों अधिकारी इस मामले में एक जैसे नहीं थे। रिपोर्ट लिखने वाले अधिकारी हीरामणि पटेल (Hiramani Patel) थे, जबकि जांच करने वाले अधिकारी राजेश तिवारी (Rajesh Tiwari) थे। मंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले में कोई भी दोषी नहीं बचने पाएगा।
'पहले कार्रवाई हो जाती तो, मऊगंज जैसी घटना नहीं होती'
इस बीच, विपक्ष के नेता अजय सिंह (Ajay Singh) ने कहा कि अगर पहले ऐसी कार्रवाई हो जाती, तो मऊगंज जैसी घटना नहीं होती। उन्होंने इस पर जोरदार विरोध किया और कहा कि सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी। इस पर शोर-शराबा हुआ, और विधानसभा में माहौल गरम हो गया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने भी इस पर टिप्पणी की और कहा कि विधायक नारायण सिंह पट्टा के साथ भी ऐसी ही घटना हो चुकी है। सिंघार ने कहा कि जो अच्छे काम करते हैं उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन जो गलत करते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
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मंत्री के भावुक होने पर विपक्ष का बयान
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे (Hemant Katare) ने कहा कि अभय मिश्रा ने जो सवाल उठाया वह बहुत गंभीर है। एक विधायक और उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसाना निंदनीय है। कटारे ने यह भी कहा कि मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का विधानसभा में रोना इस बात का संकेत था कि वह गृह मंत्री नहीं हैं, और उन्हें अपनी सरकार पर सवाल नहीं उठाने की स्थिति में होने के कारण भावुक हो गए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मंत्री जी क्यों भावुक हुए, लेकिन प्रदेश में पुलिस की ज्यादतियां बढ़ी हैं। जो अच्छे पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें फील्ड में रहना चाहिए, और जो दबंगई दिखाते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।" इसके बाद सरकार ने तत्काल आरोपी अफसर को निलंबित कर दिया।
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