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मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में प्रशासन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसको देखकर प्रशासन और गांव के लोग दंग रह गए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश भर में पानी की समस्या को देखते हुए 5 जून से गंगा दशहरा अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इस अभियान के तहत जब एक कुंए की सफाई करवाई जा रही थी तो कुंए से कुछ ऐसा सामान निकला जिसे देखकर सबके होश उड़ गए।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
नर्मदापुरम के गांव में जनपद सीईओ संजय अग्रवाल द्वारा वर्षों पुराने कुएं की सफाई करवाई जा रही थी। कुएं के भीतर से मिट्टी और कचरा निकाला जा रहा है। जब कुएं से मजदूरों ने कचरा निकाला तो उसमें से सड़ा हुआ सामान निकला। ये बोरियां पोषण आहार, मिल्क पाउडर और दवाइयां की सील पैक बोरियां थीं। ऐसी हजारों सड़ी हुई बोरियां कुंए से निकली हैं। मिल्क पाउडर वितरण योजना के तहत पोषण आहार और मिल्क पावडर की बोरियां आंगनबाड़ियों और प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को बांटने के लिए शासन द्वारा भेजी गई थीं। बताया जा रहा है कि इन सामानों को समय पर बांटा नहीं गया। जब ये सारे सामान रखे रखे एक्सपायर हो गए तो इन्हें कुंए में फेंक दिया गया। पैकेट पर 2019 की मैन्यूफैक्चरिंग डेट लिखी हुई थी।
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प्रशासनिक अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
जनपद पंचायत सीईओ संजय अग्रवाल का कहना है कि हजारों बोरियां निकली हैं लेकिन ये कब किसके द्वारा फेंकी गई हैं जांच का विषय है। मामले को लेकर जब महिला एवं बाल विकास अधिकारी जर्षिता तिग्गा सा बात की गई तो उन्होंना कहा कि ये सब 2019 की बोरियां हैं जो कि जनपद पंचायत और बीआरसी कार्यालय द्वारा हमे दी जाती थीं। कुंए में फेंकी गई बोरियों के जिम्मेदार हम नही हैं। NARMADAPURAM NEWS | NARMADAPURAM LOCAL NEWS | नर्मदापुरम लोकल न्यूज