खजुराहो के होम्योपैथिक डॉक्टर राघव पाठक ने एनसीईआरटी के सिलेबस ( NCERT Syllabus Controversy ) में एक विवादास्पद पाठ पर आपत्ति जताई है, जिसे मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब भी पढ़ाया जा रहा है। यह पाठ पहले ही सिलेबस से हटा दिया गया था। पाठक ने दावा किया है कि कक्षा तीसरी के पर्यावरण विषय के 17वें अध्याय में एक पत्र लेखन का उदाहरण दिया गया है, जिसमें एक रीना नाम की बच्ची अपने अहमद नाम के दोस्त को पत्र लिखती है। उनका आरोप है कि इस प्रकार के उदाहरण से लव जिहाद का बीजारोपण किया जा रहा है।
शिकायत और संदेह
डॉ. राघव पाठक ( Dr. Raghav Pathak ) ने एसपी छतरपुर को लिखित शिकायत में कहा है कि सिलेबस में इस तरह का पत्र जोड़ने के पीछे साजिश हो सकती है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाया है और एनसीईआरटी से जानकारी मांगी है। शर्मा ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा भेजी गई ई-बुक में केवल 12 अध्याय ही हैं, जबकि मप्र में अब भी 17वां अध्याय पढ़ाया जा रहा है। इस पर उन्होंने साजिश की आशंका जताई है कि यह बच्चों को किसी योजना के तहत पढ़ाया जा रहा है।
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विभागीय जांच
छतरपुर पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कवरिंग लेटर के साथ संबंधित विभाग को भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक अगम जैन ( SP Agam Jain ) ने बताया कि शिकायत में जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जिसने यह विवादास्पद पत्र सिलेबस में जोड़ा है।
एनसीईआरटी और प्रतिक्रिया
डॉ. राघव पाठक ने एनसीईआरटी ( NCERT ) के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को भी ई-मेल किया, लेकिन अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। इस मामले में एनसीईआरटी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे विवाद और गहरा गया है।
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