Neemuch@कमलेश सारडा
मध्य प्रदेश के नीमच में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा (Neemuch Collector Himanshu Chandra) ने जनसुनवाई में आवेदकों की मदद के लिए नई पहल की है। कलेक्टर ने नवाचार करते हुए मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में स्कूली छात्रों को आवेदन लिखने के लिए बिठाया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर छात्रों ने गरीब और अशिक्षित आवेदकों के लिए आवेदन हाथों से लिखे। इस पहल का उद्देश्य न केवल छात्रों को शासकीय कार्य के बारे में जानकारी देना था, बल्कि उन आवेदकों को भी राहत देना था जो पहले आवेदन लिखवाने के लिए 100 से 200 रुपए खर्च करते थे।
आवेदन लिखकर दे रहे हैं स्कूली छात्र
दरअसल, कलेक्टर के निर्देश पर जनसुनवाई में आवेदन लिखने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं को बैठाया गया है। स्कूली बच्चे अब आवेदकों के आवेदन अपने हाथों से लिख रहे हैं। जिससे स्कूली छात्रों को भी शासकीय कार्य के साथ साथ साथ लोगों की क्या-क्या समस्याएं उनके बारे में सीखने को मिल रहा है। कलेक्टर के इस पहल से आवेदक ओर छात्र दोनों का फायदा है।
कलेक्टर के निर्देश पर बनाई गई व्यवस्था
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने इस नवाचार को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें जनसुनवाई में शिकायतकर्ता से जानकारी ली थी कि आवेदन करने में कितने रुपए में तैयार किया है, उन्हें मालूम पड़ा की प्रत्येक आवेदन तैयार करने के 100 से 200 रुपए लिए जा रहे हैं, इसके बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया और मंगलवार को जनसुनवाई में पांच अलग-अलग स्कूली छात्रों को बैठाया जाए, जो गरीब और अशिक्षित शिकायतकर्ताओं का आवेदकों के आवेदन लिखकर देगें। अब स्कूली बच्चे आवेदन लिखकर दे रहे हैं। कलेक्टर ने बताया है कि प्रत्येक जनसुनवाई में 10 बच्चों को बिठाया जाएगा और अलग-अलग स्कूल से अलग-अलग छात्रों को प्रत्येक जनसुनवाई में लाया जाएगा।
कलेक्टर के नवाचार की सराहना
आवेदकों का कहना है कि अधिकारियों ने यह जो नवाचार किया है बहुत ही अच्छा कार्य किया है, क्योंकि पूर्व में उन्हें शिकायती या समस्या से जुड़ा आवेदन बनवाने के लिए 100 से 200 रुपए खर्च करने पड़ रहे थे। अब आवेदन लिखने का खर्च बचने के साथ ही उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है।
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