MP News: मध्य प्रदेश में नीट पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया फिर से टल गई है, जिससे मेडिकल छात्रों के बीच चिंता बढ़ गई है। गुरुवार से च्वाइस फिलिंग और सीट लॉकिंग की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया। इस देरी ने उम्मीदवारों के मनोबल को प्रभावित किया है, क्योंकि 1,180 सीटों के लिए 4,034 उम्मीदवार दावेदार हैं।
छात्रों का तनाव और परेशानी
NEET PG काउंसलिंग में देरी से मेडिकल छात्रों को आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। छात्रों का कहना है कि काउंसलिंग बार-बार टलने से उनके भविष्य पर असर पड़ रहा है। वे तेलंगाना का उदाहरण दे रहे हैं, जहां काउंसलिंग प्रक्रिया तेजी से होती है। तेलंगाना में एक दिन में च्वाइस फिलिंग और रिजल्ट जारी हो जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में यह प्रक्रिया धीमी है।
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पहले राउंड की देरी का असर
पहले राउंड की काउंसलिंग में भी देरी हुई थी, जिससे उम्मीदवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अब दूसरे राउंड की काउंसलिंग में और देरी से छात्रों की चिंता बढ़ गई है। खासकर जब आल इंडिया काउंसलिंग का तीसरा चरण 3 फरवरी तक समाप्त होगा, जो अन्य राज्यों के छात्रों के लिए चुनौती हो सकता है।
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सीटों की कमी और समय की कमी
प्रदेश के आठ निजी मेडिकल कॉलेजों में 741 सीटें खाली हैं। सरकारी कॉलेजों में 439 सीटें खाली पड़ी हैं। छात्रों को डर है कि काउंसलिंग में देरी से सीटें खाली रह जाएंगी। इससे उन्हें नुकसान होगा।
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काउंसलिंग प्रक्रिया को तेज करने की अपील
छात्रों ने प्रशासन से काउंसलिंग प्रक्रिया तेज करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि यह समय पर पूरी हो, ताकि उनकी पढ़ाई समय पर शुरू हो सके। उनका कहना है कि देरी से उनका भविष्य अधर में लटक सकता है और अवसर सीमित हो सकते हैं।
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