मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नया हाजिरी नियम लागू किया है। अब सरकारी शिक्षक अपनी उपस्थिति केवल स्कूल पहुंचने के बाद ही दर्ज कर सकेंगे। यह प्रक्रिया सेल्फी के माध्यम से होगी, जिसे सिस्टम पर अपलोड करना होगा। साथ ही, उनकी लोकेशन भी पोर्टल पर दर्ज होगी। तत्कालीन कलेक्टर रोशन सिंह ने सबसे पहले यह फार्मूला विदिशा में लागू किया था।
विदिशा मॉडल अपनाया सरकार ने
विदिशा के तत्कालीन कलेक्टर रोशन सिंह ने स्कूल टीचरों की हाजिरी के लिए एक नया तरीका अपनाया था। इसमें टीचर्स स्कूल पहुंचकर बच्चों के साथ सेल्फी लेकर अपनी अटेंडेंस लगाते थे। यह कदम इसलिए उठाया गया था क्योंकि कई टीचर लगातार स्कूल नहीं आते थे। IAS रोशन सिंह का यह मॉडल सफल साबित हुआ और अब राज्य सरकार ने इसे अपनाया है। वर्तमान में रोशन सिंह उज्जैन के कलेक्टर हैं। यह मॉडल शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक अहम कदम है।
ई-गवर्नेंस के तहत 'हमारे शिक्षक' प्रणाली
इस नए सिस्टम को 'हमारे शिक्षक' प्रणाली कहा गया है, जो ई-गवर्नेंस के तहत शुरू की गई है। यह प्रणाली शिक्षकों की उपस्थिति को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए तैयार की गई है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक केवल स्कूल में आकर हाजिरी लगाएं, बल्कि उनकी वास्तविक उपस्थिति की निगरानी भी की जा सके।
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हाजिरी का नया नियम: 1 जुलाई से होगा लागू
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 जुलाई से डिजिटल हाजिरी के इस नए नियम को अनिवार्य कर दिया है। शिक्षक अब स्कूल पहुंचकर अपनी सेल्फी सिस्टम पर अपलोड करेंगे और इसकी लोकेशन भी पोर्टल पर दर्ज हो जाएगी। स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी, शिक्षक को उपस्थिति दर्ज करने के लिए यही प्रक्रिया अपनानी होगी।
उपस्थिति की समय सीमा और छुट्टियां
शिक्षकों को स्कूल के निर्धारित समय से एक घंटे बाद तक अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसके अलावा, स्कूल बंद होने से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद तक उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी। निर्धारित समय सीमा के बाद उपस्थिति दर्ज होने पर आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा। शिक्षक अपनी 13 आकस्मिक अवकाश और 3 ऐच्छिक अवकाश का समायोजन इस प्रणाली के माध्यम से कर सकेंगे।
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प्रायोगिक परीक्षण: 23 जून से 30 जून तक
इस नई प्रणाली का प्रायोगिक परीक्षण 23 जून से 30 जून तक किया जाएगा। इसके बाद 1 जुलाई से इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। इससे उन शिक्षकों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी, जो अपने स्थान पर अन्य लोगों से पढ़ाई करवाते हैं या अनुपस्थित रहते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे निगरानी
नए नियमों के अनुसार, शिक्षक की उपस्थिति की निगरानी जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वह शिक्षक स्कूल में मौजूद रहें, जो वास्तव में कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं।
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ऑनलाइन हाजिरी की पुरानी व्यवस्था और समस्याएं
मध्य प्रदेश में पहले भी कई बार ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था शुरू की गई थी। 2017, 2020, और 2022 में 'शिक्षा मित्र एप' के जरिए इस प्रक्रिया को लागू किया गया था, लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया। स्मार्टफोन और नेटवर्क से संबंधित समस्याओं के कारण यह प्रणाली पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई थी।
भविष्य में विशेष उपलब्धि के रूप में होगी उपस्थिति दर्ज
शिल्पा गुप्ता, आयुक्त, डीपीआई के अनुसार, इस प्रणाली के माध्यम से जिन स्कूलों के शिक्षक नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करेंगे, उनकी सेवा अभिलेख में विशेष उपलब्धि के रूप में यह दर्ज किया जाएगा। इसके बाद ऐसे स्कूलों और शिक्षकों के लिए विशेष प्रविधान किए जाएंगे। शिक्षक अब छुट्टी के आवेदन भी इसी प्रणाली से करेंगे।
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'हमारे शिक्षक' प्रणाली का महत्व
यह प्रणाली सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति की निगरानी होगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव हो सकेगा। साथ ही, यह कदम शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
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