/sootr/media/media_files/2025/05/26/wdVyNUjffLu9nXCiASSs.jpg)
नीट-यूजी की परीक्षा के दौरान चार मई को इंदौर के परीक्षा केंद्रों पर बत्ती गुल होने से अभ्यर्थियों का पेपर बिगड़ गया था। इस मामले में लगी याचिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट इंदौर ने आदेश दिया हुआ है कि वह इंदौर के परीक्षा केंद्रो को छोड़कर बाकी अन्य केंद्रों का रिजल्ट जारी कर सकता है। साथ ही परीक्षा कराने वाली एनटीए से जवाब मांगा है। एनटीए ने इस पर 22 मई को हुई सुनवाई में जवाब भी दे दिया था। इस पर 26 मई सोमवार को सुनवाई होना थी लेकिन यह टल गई।
इसलिए टली सुनवाई
इस केस में कई याचिकाएं हैं, जिन्हें एक साथ जस्टिस सुन रहे हैं। इसके लिए दोपहर में साढ़े तीन बजे का समय दिया गया, इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निवेदन किया कि इसे कल सुन लिया जाए, इस पर जस्टिस ने कहा कि बेंच सोमवार और गुरूवार ही लगती है, फिर इसे गुरूवार ही सुना जा सकता है। इस पर सभी ने सहमति दे दी और इस पर अब सुनवाई गुरुवार 29 मई को रख दी गई।
एनटीए ने बीते सुनवाई में कहा था कमेटी बनाकर दिखवा रहे हैं
वीडियो कांफ्रेंसिंग से एनटीए के अधिवक्ताओं द्वारा 22 मई की सुनवाई में बताया गया इस मामले में एजेंसी द्वारा कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो इसे देखेगी कि परीक्षा कहां पर और कितना प्रभावित हुई है और यदि हुई है तो आगे क्या किया जाना चाहिए। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि यदि कमेटी ने मान लिया कि बत्ती गुल होने से परीक्षा प्रभावित हुई तो ऐसे में प्रभावित केंद्रों की परीक्षा का आयोजन एक बार फिर से एनटीए करा सकता है या नहीं इसे भी देखा जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 26 मई को रख दी गई थी।
इंदौर में 24 परीक्षा केंद्र, उज्जैन के भी पीड़ित आए
वहीं इस मामले में पहले जहां माना जा रहा था कि इंदौर के 11 परीक्षा केंद्रों पर यह व्यवस्था खऱाब हुई थी, अब इसमें 24 परीक्षा केंद्र जुड़ गए हैं। इन सभी केंद्रों के अभ्यर्थी इसमें परेशान हुए और इससे उनका पेपर बिगड़ा। वहीं अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने बताया कि इसमें उज्जैन के भी पीड़ित अभ्यर्थी सामने आए हैं और यहां भी कई केंद्रों पर बिजली गुल होने से परीक्षा बाधित हुई है। करीब 50 से ज्यादा याचिकाएं इस मामले में हाईकोर्ट में लग चुकी है। अब एनटीए की रिपोर्ट पर आगे हाईकोर्ट इसमें फैसला करेगा।
एनटीए ने इसके पहले सुनवाई में यह दिया जवाब
एनटीए की ओर से अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने इसके पहले जवाबा दिया था कि चार मई को इंदौर में बारिश हुई थी और इसके चलते परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी, यह सही है। थोड़ी अव्यवस्था हुई थी लेकिन इतना अंधेंरा नहीं हुआ था कि किसी का पेपर बिगड़े। बिजली गुल होने से किसी का पेपर नहीं बिगड़ा और ना ही किसी भी केंद्र से सुपरवाइजर की ओर से इस तरह की रिपोर्ट दी गई। इसलिए सभी के रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी जाए।
याचिकाकर्ता ने लगाई थी मौसम विभाग की चेतावनी
इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा अधिवक्ता मृदुल भटनागर की ओर से तथ्य रखे गए थे। उन्होंने बताया कि तीन मई को परीक्षा से एक दिन पहले ही मौसम विभाग की चेतावनी जारी हुई थी जिसमें इंदौर जिले में भी बारिश, बिजली कड़कने इन सभी की चेतावनी थी, लेकिन इसके बाद बी पक्षकार मप्र पश्चिम बिजली कंपनी के एमडी द्वारा बैकअप व्यवस्था नहीं की गई। इसके चलते इन केंद्रों पर अंधेरा हुआ और एक से दो घंटे तक अभ्यर्थी परेशान हुए, इसमें अंधेरे में, मोमबत्ती की रोशनी में पर्चा देना पड़ा। उनके साथ गलत हुआ और उनका पेपर अंधेरे के चलते सही से नहीं हो सका।
इसके पहले 16 मई को एजेंसी ने यह रखी थी बात
इंदौर हाईकोर्ट ने परीक्षा आयोजन दिन इंदौर में हुई तेज बारिश से बच्चों को हुई परेशानी और उनकी याचिका को देखते हुए रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इस पर एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 16 मई को हाईकोर्ट इंदौर में जवाब दिया था कि इससे अन्य केंद्रों और बच्चे परेशान होंगे, यह समस्या केवल इंदौर के 11 परीक्षा केंद्रों पर थी। ऐसे में अन्य के रिजल्ट जारी करने दिए जाएं।
यह भी पढ़ें...DAVV इंदौर के कुलपति ने कराई कांग्रेस से निकाले गए चौरड़िया, सोलंकी और सोहेल पर FIR
याचिकाकर्ता की यह है आपत्ति
हालांकि याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति ली और कहा कि ऐसा होने पर इनका नुकसान होगा, क्योंकि यह फिर एनटीए की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकेंगे और उनका हक मारा जाएगा। लेकिन सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि वह एजेंसी के तर्क से सहमत है और इसलिए प्रभावित परीक्षा केंद्र छोड़कर अन्य रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी जाती है।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧
MP News | नीट यूजी परीक्षा
NEET | NEET-UG | Supreme Court