/sootr/media/media_files/2025/05/16/DS8fhcOCft3lZuP87MZd.jpg)
NEET-UG 2025 परीक्षा के दिन मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के करीब 11 परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो गई थी। इस समस्या ने न सिर्फ परीक्षार्थियों को प्रभावित किया, बल्कि परीक्षा केंद्रों की गंभीर लापरवाही को भी उजागर कर दिया। नीट अभ्यर्थियों को अंधेरे में परीक्षा देना पड़ा। ऐसे में कई कैंडिडेट्स को दिक्कत हुई। इस मामले को लेकर एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगले आदेश तक रिजल्ट न घोषित करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रिजल्ट पर रोक
गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें परीक्षा के दौरान अव्यवस्था और उम्मीदवारों के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था की जिम्मेदारी है कि वह परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। अब हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए एक परीक्षा के परिणामों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक परिणाम घोषित नहीं किए जाएं। यह फैसला उन छात्रों के लिए राहत भरा है जिन्होंने परीक्षा में अव्यवस्था का सामना किया था।
NTA को HC का निर्देश
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह माना कि जिन केंद्रों पर परीक्षा के समय बिजली नहीं थी, वहां छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार हुआ। इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। परीक्षा में बिजली गुल हो जाना केवल एक तकनीकी चूक नहीं बल्कि हजारों छात्रों के भविष्य पर सीधा असर डालने वाला मसला है। कोर्ट ने NTA से यह भी पूछा कि ऐसी स्थिति में उसकी क्या तैयारी थी और कौन जिम्मेदार है?
यह भी पढ़ें...NTA ने जारी किया CUET UG 2025 Admit Card, ऐसे करें डाउनलोड
इंदौर खंडपीठ का रुख सख्त
MP हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, NEET UG 2025 का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा। इस फैसले से उन अभ्यर्थियों को आशा की किरण मिली है, जिनका परीक्षा अनुभव तकनीकी कारणों से प्रभावित हुआ। NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में इस तरह की अव्यवस्था ने एक बार फिर भारत के परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिजली जैसे मूलभूत संसाधन की अनुपलब्धता दर्शाती है कि परीक्षा केंद्रों की तैयारियों में भारी खामी रही।
Neet में पहले हो चुकी है दो बार परीक्षा
ओडिशा में चक्रवात के दौरान प्रभावित बच्चों के लिए एनटीए ने 2016 में दोबारा परीक्षा आयोजित की थी। इसके अलावा 2022 में भी कुछ केंद्रों पर नियमों की गड़बड़ी के कारण दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी, जिनमें होशंगाबाद भी शामिल है। एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसी स्थितियों में दोबारा परीक्षा कराना एक आम बात है।
यह भी पढ़ें....एनटीए ने नीट यूजी 2025 के लिए लॉन्च किया धोखाधड़ी रोकने वाला प्लेटफॉर्म
11 केंद्रों पर मोमबत्ती जलाकर दी थी परीक्षा
इंदौर में 49 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसी दौरान तेज बारिश और आंधी ने शहर की बिजली व्यवस्था ठप कर दी, जिससे 11 परीक्षा केंद्रों की बिजली चली गई और अंधेरा छा गया। छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर देना पड़ा।
कई छात्र प्रश्नपत्र (Question Paper) तक ठीक से पढ़ नहीं पाए। परीक्षा के बाद कई छात्र रोते हुए बाहर निकले और खराब व्यवस्था के कारण अपने भविष्य को लेकर चिंतित दिखे। छात्रों का कहना था कि उन्होंने पूरी मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन परीक्षा के दौरान हुई इस घटना ने उनके भविष्य को संकट में डाल दिया।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
NEET Result | neet exam | NEET Exam Result | MP High Court | नीट का रिजल्ट | हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगाई