नेताजी की लापरवाही पड़ गई उन्हीं पर भारी, अब नहीं लड़ पाएंगे सांसद, विधायक का चुनाव

प्रदेश में चार नेताओं को चुनाव आयोग ने खर्च का ब्यौरा न देने पर उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध ​लगा दिया है। अब वह कुछ वर्षों तक न तो लोकसभा और न ही विधानसभा का चुनाव लड़ पाएंगे। इस​के लिए इन्हें अयोग्य घोषित किया गया है।

Advertisment
author-image
Madhav Singh
New Update
f
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

विधानसभा चुनाव के बाद खर्च का हिसाब न देने वाले 4 नेताओं को तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। इसकी वजह है कि इन नेताओं ने चुनाव लड़ने के तीस दिन की समयावधि और डीएम के नोटिस के बाद भी खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। इसलिए अब ये आगामी तीन साल तक सांसद, विधायक के पद का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। चुनाव आयोग ने इनके तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि इन नेताओं पर इसका ज्यादा कोई असर नहीं होने वाला है क्योंकि प्रदेश में अगले चार साल तक विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं है।

क्या कहा चुनाव आयोग ने?

भारत निर्वाचन आयोग के सचिव विनोद कुमार ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित नेताओं में सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे संतर वलारी, गोविन्द सिंह, सिवनी विधानसभा सीट से मोहम्मद शादाब पटेल और अजय ओंकार सिंह बघेल ने विधानसभा चुनाव के एक माह के भीतर चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। इन्हें 2 जनवरी 2024 तक खर्च का पूरा हिसाब देना था।

यह रहा कारण... 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने इन सभी प्रत्याशियों को 19 जुलाई 2024 को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसमें 20 दिन के भीतर ब्योरा देने के लिए कहा गया था। इसके बाद भी इन प्रत्याशियों ने कोई जवाब नही दिया। इसके बाद इन चारों विधानसभा चुनाव प्रत्याशी रहे नेताओं के आगामी तीन साल तक सांसद या विधायक पद के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।

इस आधार पर लिया फैसला

बतादें कि चुनाव खर्च का ब्योरा समय के भीतर और उस व्यवस्था के अंतर्गत नहीं दिया गया है, जैसा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रा‌वधान है। यही नहीं खर्च का ब्योरा न दे पाने के पीछे कोई उचित कारण या न्यायोचित बात भी नहीं बताई गई है। 

यह भी पढ़ें... इंदौर सांसद टिकट के लिए कांग्रेस में शेखावत का नाम दिल्ली से आया, लेकिन वह चुनाव लड़ने के मूड़ में नहीं

एमपी में अब 2028 में होंगे चुनाव

प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नवम्बर 2028 में होंगे। इसके बाद मई 2030 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। जिन नेताओं को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित किया गया है। उनके इलाके में अब किसी निर्वाचित प्रतिनिधि की मृत्यु पर ही तीन साल में कोई चुनाव हो सकता है। जब तक विधानसभा या लोकसभा का चुनाव आएगा तब तक यह लोग अपनी अयोग्य सीमा को समाप्त कर चुके होंगे। 

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

लोकसभा चुनाव चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव Action of Election Commission मध्य प्रदेश चुनाव चार नेताओं पर लगी रोक