संजय गुप्ता, INDORE. लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok Sabha Election 2024 ) के लिए इंदौर की सीट के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की कमी का संकट झेलना पड़ रहा है। इंदौर से चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ( Jitu Patwari ) प्राथमिकता में हैं, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते पूरे प्रदेश का जिम्मा संभालने के चलते उनका मैदान में उतरना मुश्किल है। वहीं हर स्तर पर हुए सर्वे और बड़े नेताओं से की गई चर्चा के बाद दिल्ली से बदनावर विधायक भंवर सिंह शेखावत ( Bhanwar Singh Shekhawat ) का नाम ही प्रमुखता से आया है। लेकिन समस्या यह है कि वह चुनाव लड़ने के मूड़ में ही नहीं है।
द सूत्र से बोले शेखावत, पांच साल बदनावर में सेवा करने का मन
शेखावत ( Bhanwar Singh Shekhawat ) ने इस मामले में द सूत्र से कहा कि अभी तक पार्टी से औपचारिक कोई प्रस्ताव लोकसभा टिकट लड़ने के लिए नहीं आया है। विधानसभा चुनाव में बदनावर की जनता ने मुझ पर भरोसा जताया है और पांच साल के लिए चुना है, ऐसे में मैं यहीं पर जनता की सेवा करना चाहता हूं।
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पटवारी और शेखावत नहीं तो फिर कौन?
पटवारी ( Jitu Patwari ) और शेखावत को यदि हटा दिया जाए तो फिर अगला उम्मीदवार कौन है? जहां तक प्रदेश स्तर की कमेटी से चुने गए नाम की बात करें तो इसमें स्वप्निल कोठारी और अरविंद बागड़ी का नाम भी है। यह दोनों विधानसभा चुनाव के टिकट की दावेदार में भी थे, वहीं बागड़ी तो एक दिन के लिए शहराध्यक्ष भी बने थे लेकिन एक दिन में ही उन्हें हटा दिया गया। वह विधानसभा तीन से भी टिकट मांग रहे थे लेकिन पिंटू जोशी को टिकट मिला। वहीं कोठारी विधानसभा पांच से टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट सत्तू पटेल के खाते में चला गया।
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संजय शुक्ला, विशाल पटेल, सत्तू तीनों का मूड़ नहीं
लोकसभा टिकट ( Lok Sabha Election 2024 ) के लिए नाम तो सत्तू पटेल भी सभी की पसंद का है लेकिन वह खुद लोकसभा चुनाव लडने के मूड़ में बिल्कुल नहीं है। वह साल 2009 और 2014 में सुमित्रा महाजन के सामने लड़ चुके हैं, एक बार 2009 में जहां बहुत ही नजदीकी हार झेलना पड़ी तो 2014 में रिकार्ड वोट से हारे। साल 2019 में पंकज संघवी ने चुनाव लड़ा और रिकार्ड 5.47 लाख वोट से बीजपी के शंकर लालवानी से हार गए। संजय शुक्ला विधानसभा चुनाव के पहले जुलाई 2022 महापौर का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें हार मिली थी। इसी तरह विशाल पटेल भी इस बार देपालपुर से विधानसभा चुनाव हार गए।
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तीनों अमीर प्रत्याशी पीछे तो चुनाव में खर्चा करेगा कौन?
कांग्रेस की एक समस्या यह भी आ रही है कि पार्टी के पास फंड की कमी है और ऐसे में ऐसा प्रत्याशी भी चाहिए जो चुनाव दमदारी से लड़ सके। उल्लेखनीय है कि शुक्ला जहां 200 करोड से ज्यादा संपत्ति के मालिक है, तो पटेल 140 करोड़ की संपत्ति के मालिक है, इस तरह सत्तू पटेल भी 72 करोड़ की संपत्ति के मालिक है। यह तीनों ही चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसे में स्वप्निल कोठारी पर ही पार्टी की नजरें जा सकती है।