पटवारी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से क्यों कतरा रही है सरकार? उधर विरोध में आज शाम कैंडल मार्च, 28 को भोपाल चलो आंदोलन

पटवारी परीक्षा में घोटाले के आरोप लगा रहे छात्रों के आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। सोमवार (27 फरवरी) को सभी जिला स्तर पर नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) द्वारा आह्वान किया गया है कि विरोध स्वरूप शाम सात बजे कैंडल मार्च किया जाए।

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Pratibha Rana
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पटवारी जांच रिपोर्ट

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संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी परीक्षा में घोटाले ( Patwari Exam Scam ) के आरोप लगा रहे छात्रों के आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हो रहा है ( Patwari Exam )। सोमवार (26 फरवरी) को सभी जिला स्तर पर नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) द्वारा आह्वान किया गया है कि विरोध स्वरूप शाम सात बजे कैंडल मार्च किया जाए। यह मार्च प्रमुख चौराहे पर या गांधी प्रतिमा, शहीद भगत सिंह प्रतिमा के आस-पास कर सकते हैं। इंदौर में कैंडल मार्च सोमवार को शाम 7 बजे डीडी गार्डन से भंवरकुआं चौराहे तक निकलेगा। इसके बाद 28 फरवरी को भोपाल चलो आह्वान है, जिसमें सभी प्रदेश भर के आंदोलन कर रहे छात्रों को वहां जमा होने के लिए कहा गया है। लेकिन इन सभी के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर केवल 74 पन्ने की पटवारी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सरकार कतरा क्यों रही है?

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जांच में आखिर क्या है? यह जानना युवाओं का अधिकार

जुलाई में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोटाले की जांच ( Patwari Investigation Report ) के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी, जिसने 30 जनवरी को रिपोर्ट सौंप दी थी। द सूत्र ने ही 31 जनवरी को इस जांच रिपोर्ट का खुलासा भी कर दिया था कि इसमें पटवारी परीक्षा ( ( Patwari Exam ) को क्लीन चिट मिल गई है। लेकिन अभी तक सार्वजनिक तौर पर यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है और ना ही कोई अधिकारी औपचारिक तौर पर इस रिपोर्ट को लेकर कुछ बोलने को तैयार हो रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस उम्मीदवारों की मांग के चलते यह जांच कमेटी बनाई गई थी, अब उन्हीं छात्र और आंदोलन करने वाले युवाओं से ही यह रिपोर्ट क्यों छिपाई जा रही है? आखिर अधिकारियों को और सरकार को किस बात का डर लग रहा है? जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने से छात्रों के मन में और शंका पैदा हो रही है कि आखिर जांच विस्तृत तरीके से और उनके बताए मुद्दों पर की गई है या नहीं? इन सभी आशंका को झुठलाने के लिए भी जरूरी है कि सरकार इस रिपोर्ट ( Patwari Investigation Report ) को सार्वजनिक कर दें, इसमें हर्ज ही क्या है? 

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इन मांगों को लेकर जाएंगे भोपाल

एनईवायू के राधे जाट ने कहा कि मप्र पटवारी भर्ती परीक्षा में लगभग 50 फीसदी पदों पर फर्जीवाड़ा हुआ है और यदि आज इसे नहीं रोका गया तो यह प्रथा बन जाएगी। भोपाल जाने से पहले हम सभी सोमवार को प्रदेश स्तर पर कैंडल मार्च करने जा रहे हैं, यह सभी जिलों में करने के लिए हमने युवाओं से आह्वान किया है। वहीं 28 फरवरी को सभी भोपाल में सड़कों पर उतरेंगे। भोपाल चलो आंदोलन के लिए मुख्य मांग है कि-

1-    पटवारी फर्जी नियुक्तियों पर तुरंत रोक लगाई जाए

2-    पटवारी घोटाले की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए

3-    मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की एसआईटी गठित हो

4-    फर्जीवाड़ा पाए जाने पर पटवारी भर्ती को रद्द करके 6 माह में फिर परीक्षा हो

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जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है

उम्मदीवारों ने इस मसले को लेकर ही जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है, इसे लेकर अभी स्टेटस क्या है यह सामने नहीं आया है। वहीं अभी तक आंदोलन कर रहे युवा मप्र के सभी जिलों में कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन दे चुके हैं। इसमें इंदौर में भी बड़ा आंदोलन हुआ था और कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था। लेकिन पूरी प्रक्रिया जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) के निर्देशानुसार कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) से हुई है, ऐसे में अब भोपाल चलो नारा दिया गया है।

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