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Photograph: (the sootr)
प्रमुख मंदिरों में नए साल की दर्शन व्यवस्था को ऐसे समझेंतिरुपति में टोकन से होगी एंट्री, 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक 1.89 लाख टोकन जारी होंगे, बिना टोकन दर्शन नहीं मिलेगा। शिर्डी में 6 लाख श्रद्धालुओं का आगमन, साईं मंदिर रातभर खुला रहेगा, वीआईपी दर्शन बंद, सोने की खिड़की से दर्शन। वैष्णो देवी में जीरो टॉलरेंस भीड़ प्रबंधन, होटल में दस्तावेज़ चेक होंगे, रेडियो फ्रीक्वेंसी कार्ड से यात्रा की अनुमति मिलेगी। अयोध्या में 2 लाख श्रद्धालुओं का आना, रामलला के दर्शन के लिए 400 पास जारी होते हैं, ठंड से बचने के लिए गैस हीटर लगाए गए। धार्मिक स्थलों पर विशेष व्यवस्था, नए साल पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तगड़ी तैयारी की गई, श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन मिलेंगे। |
BHOPAL. भारत में नए साल के जश्न के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा होगा। खासकर तिरुपति, शिर्डी, वैष्णो देवी और अयोध्या जैसे प्रमुख मंदिरों में लाखों लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इन मंदिरों ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचा जा सके। इन मंदिरों में बिना टोकन एंट्री बंद और मंदिर रात भर खुले रहेंगे।
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तिरुपति: टोकन से होगी एंट्री
आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में 30 दिसंबर से 10 दिनी वैकुंठ एकादशी उत्सव शुरू होने जा रहा है। इस दौरान 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भारी भीड़ जुटने की संभावना है। इसलिए तिरुपति मंदिर के अधिकारियों ने खास टोकन व्यवस्था की है।
इस बार केवल उन्हीं भक्तों को दर्शन मिलेगा, जिनके पास एडवांस बुकिंग वाला टोकन होगा। यह कदम पिछले साल की भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए उठाया गया है।
"30 दिसंबर से 1 जनवरी तक कुल 1.89 लाख दर्शन टोकन जारी किए जाएंगे," तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के ACEO सीएच वेंकैया चौधरी ने कहा। पिछले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी के कारण कतारों और अन्य सुविधाओं पर दबाव पड़ा था। जिसे देखते हुए अब इस नई व्यवस्था को लागू किया गया है।
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शिर्डी: साईं बाबा के दर्शन में कोई रुकावट नहीं
महाराष्ट्र के शिर्डी साईं बाबा मंदिर में इस बार 6 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसलिए मंदिर प्रशासन ने 31 दिसंबर को मंदिर को रातभर खोले रखने का फैसला लिया है। इस दिन रात 10 बजे की शेजारती और 1 जनवरी को सुबह 5:15 बजे की काकड़ आरती स्थगित की गई है। पिछले साल 31 दिसंबर और 1 जनवरी को करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने बताया, "साईं बाबा के मुख दर्शन के लिए एक सोने की खिड़की बनाई गई है, जिससे सामान्य श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। इस बार वीआईपी दर्शन बंद कर दिए गए हैं।"
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वैष्णो देवी: जीरो टॉलरेंस भीड़ प्रबंधन
माता वैष्णो देवी मंदिर में भी नए साल के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए जीरो टॉलरेंस नीति लागू की है। श्रद्धालुओं की पहचान के लिए सभी दस्तावेजों की जांच होटल में की जाएगी। पहचान सही पाए जाने पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड दिया जाएगा। यह कार्ड श्रद्धालु को यात्रा करने और लौटने के समय को निर्धारित करेगा।
यह योजना पहले से ज्यादा सख्त है। श्रद्धालुओं को 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करनी होगी और 24 घंटे में वापस लौटना होगा। अधिकारियों का मानना है कि इस बार 70,000 से 1 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।
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अयोध्या: श्रीराम के दर्शन में कोई बाधा नहीं
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि दर्शन और आरती की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा। 400 पास एक दिन में जारी होते हैं, और ये 1 जनवरी तक फुल हो गए हैं।
यहां भी ठंड को ध्यान में रखते हुए रास्तों में गैस हीटर लगाए गए हैं। धार्मिक स्थलों में गैस हीटर की व्यवस्था ठंड से बचने के लिए की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
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