देश के हर डॉक्टर का बनेगा यूनिक पहचान पत्र, रजिस्ट्रेशन हुए शुरू

केंद्र सरकार ने देश के सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (NMR) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। इस पोर्टल पर देश के सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

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Sourabh Bhatnagar
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देश के डॉक्टरों को मिलेगी अलग पहचान!
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National Medical Registration: केंद्र सरकार ने देश के सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर ( NMR ) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर देश के सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए डॉक्टरों को अपना MBBS सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड पोर्टल पर सबमिट करना होगा। इसके तहत डॉक्टरों को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा, जो उनकी एक अलग पहचान होगी। आपको बता दें कि यह पोर्टल नेशनल मेडिकल कमीशन ने तैयार किया है। 

क्या है NMR

नेशनल मेडिकल रजिस्टर ( एनएमआर ) एक डेटाबेस है जिसमें सभी पंजीकृत डॉक्टरों की जानकारी दर्ज होगी। इसके साथ ही उनकी प्रामाणिकता आधार आईडी द्वारा सत्यापित की जाएगी। एनएमसी ने हाल में जो नोटिस जारी किया था जिसमें बताया गया था कि इसके जरिए डॉक्टरों का कुछ डेटा आम जनता देख सकेगी, जबकि अन्य जानकारियां सिर्फ एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड ( ईएमआरबी ), एसएमसी, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और आरएमपी को जरूरत पड़ने पर ही देख पाएंगी।

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डॉक्टरों को क्या करना होगा

डॉक्टरों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए अपना आधार कार्ड, एमबीबीएस डिग्री प्रमाण पत्र की डिजिटल कॉपी और उस राज्य चिकित्सा परिषद/भारतीय चिकित्सा परिषद के पंजीकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी, जहां डॉक्टर ने पहली बार रजिस्ट्रेशन कराया था। पंजीकरण और योग्यता संबंधी विवरण खुद दर्ज किए जा सकते हैं या पोर्टल के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं।

इसके बाद डॉक्टरों का आवेदन सत्यापन के लिए एसएमसी को भेजा जाएगा। एसएमसी फिर आवेदन को आगे की समीक्षा के लिए संबंधित कॉलेज या संस्थान को भेजेगा। सफल सत्यापन के बाद आवेदन एनएमसी को भेजा जाएगा। एनएमसी द्वारा सत्यापन के बाद डॉक्टरों को एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा।

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13 लाख से अधिक डॉक्टरों का डेटा हो सकेगा उपलब्ध

इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि देश में आज तक ऐसे डेटा की कमी थी, जो देश में कुल डॉक्टरों की संख्या, देश छोड़कर चले गए डॉक्टरों, प्रैक्टिस करने का लाइसेंस खो चुके डॉक्टरों या जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या बता पाए। उन्होंने बताया कि एनएमआर के शुरू होने से 13 लाख से अधिक डॉक्टरों का डेटा उपलब्ध हो सकेगा।

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