सागर जिले की बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट इंदौर की खंडपीठ में सुनवाई शुरू हो गई है। इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से जवाब मांगा है और इसमें अगली सुनवाई 19 दिसंबर लगाई गई है।
तोमर को व्यक्तिगत तौर पर भी पार्टी बनाया
नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उमंग सिंघार द्वारा लगाई गई याचिका में पीएस विधान भवन के साथ ही स्पीकर, विधायक सप्रे को पक्षकार तो बनाया ही साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर स्पीकर को व्यक्तिगत तौर पर भी पार्टी बनाया गया है। इसमें तोमर पर आरोप लगाए हैं कि स्पीकर निष्पक्ष होता है लेकिन वह बीजेपी के मंत्री, प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं और अभी भी एक्टिव तौर पर राजनीति कर रहे हैं। हाल ही में विजयपुर उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी के पक्ष में ट्वीट किया था। ऐसे में वह इस मामले में निष्पक्ष फैसला नहीं कर सकते हैं।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अधिसूचना ने बढ़ाई बीना विधायक की टेंशन
अधिवक्ताओं द्वारा रखी गई ये बात
सिंघार के अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि सप्रे पर दल-बदल लागू होता है। वह अब सदस्यता के योग्य नहीं रही हैं। वह मई में बीजेपी में जा चुकी हैं। हमारे पक्षकार द्वारा पांच जुलाई 2024 को स्पीकर को इस संबंध में पत्र लिखा है। हालांकि, अभी तक फैसला नहीं किया गया है। वहीं 16 दिसंबर से शीतकालीन सत्र हो रहा है, ऐसे में विधानसभा में उनका बैठना विधिक नहीं है। वहीं एडिशनल एडवोकेट जनरल आनंद सोनी ने इस याचिका के मेंटेनबल नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि स्पीकर को ही इस मामले में फैसला लेने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया गया हवाला
इस पर अधिवक्ता खंडेलवाल ने सुप्रीम कोर्ट के केस का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के मामले अधिकतम तीन माह में स्पीकर द्वारा निराकृत किए जाने चाहिए, जो नहीं किया गया। इस फैसले का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने भी कहा कि 19 दिसंबर को सुनवाई करेंगे सभी पक्षों को नोटिस जारी किए जाते हैं।
निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका HC में स्वीकार
क्या है मामला?
सागर जिले के बीना की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे पर कांग्रेस के आरोप हैं कि बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद भी पार्टी से विधायक हैं। उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं सप्रे स्पीकर को ये पत्र दे चुकी हैं कि बीजेपी ज्वाइन नहीं की लेकिन कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा कह चुके हैं कि उन्होंने बीजेपी ज्वाइन नहीं की लेकिन आना चाहती है तो स्वागत है। वहीं कांग्रेस कह रही है कि उन्हें इस्तीफा देकर रावत की तरह उपचुनाव लड़ना चाहिए। वह अब कांग्रेस से विधायक नहीं रह सकती है, उन्होंने दल बदल किया है।
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