JABALPUR. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में नर्सिंग घोटाले की सुनवाई अब जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिविजनल बेंच करेगी। 37 याचिकाओं पर सुनवाई जारी है, जिसमें कॉलेजों से संबंधित मामले शामिल हैं। शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं ने घोटाले की जानकारी दी, जिसे सुनकर जज भी हैरान हो गए।
आदेश पर नहीं आते तो हथकड़ी लगाकर लाओ - HC की टिप्पणी
इस मामले में हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस संजय द्विवेदी की डिविजनल बेंच ने एमपी नर्सिंग काउंसिल के डायरेक्टर और रजिस्टर सहित इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था।
जब जस्टिस अतुल श्रीधरन ने इस बारे में नर्सिंग काउंसिल की ओर से पेश हुए वकील से पूछा तो उन्होंने उपस्थिति में छूट के आवेदन की बात की, जिस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में यह कहा कि ऐसे लोगों को हाथों में हथकड़ियां डालकर लेकर आए। कोर्ट ने अधिवक्ता से कहा कि अपने मुव्वकीलों को यह बता दें कि कोर्ट के आदेश को न मानने के गंभीर परिणाम उन्हें भुगतने पड़ सकते हैं।
इतना बड़ा भ्रष्टाचार देखकर जज भी हो गए हैरान
दरअसल जजों के तय किए गए रोस्टर के अनुसार नर्सिंग मामलों की सुनवाई अब जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिविजनल बेंच करेगी। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका के साथ अन्य यशिकाएं भी सुनवाई के लिए आज लिस्टेड थी।
जनहित याचिका 1080/ 2020 के बारे में जानकारी देते हुए अधिवक्ता आलोक बगरेचा और अधिवक्ता विशाल बघेल ने कोर्ट को इस मामले की ब्रीफ करते हुए जानकारी दी। एक कमरे में चल रहे कॉलेज सहित फर्जी दस्तावेजों पर रजिस्टर्ड कॉलेज और सीबीआई की जांच के बाद रिश्वत लेते पकड़े गए सीबीआई अधिकारियों सहित नर्सिंग काउंसिल के द्वारा सीसीटीवी तक गायब कर देने की जानकारी जब कोर्ट को मिली तो इसके तथ्य और सबूत देखकर कोर्ट भी हैरान था।
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जस्टिस अतुल श्रीधरन ने तो यह मौखिक टिप्पणी तक की कि ऐसे लोगों को कैपिटल पनिशमेंट दी जानी चाहिए। मामले की सुनवाई के तुरंत बाद जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस विवेक कुमार पालीवाल कुछ समय के लिए अपने चेंबर में भी गए जिससे इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली सुनवाई में कोर्ट का कोई बेहद कड़ा आदेश आ सकता है।
मुख्य जनहित याचिका से लिंक होंगे सभी मामले
नर्सिंग फर्जीवाड़े को उजागर करने वाली लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की याचिका क्रमांक 1080/2020 को जस्टिस अतुल श्रीधरन ने आदेश देते हुए मुख्य याचिका बनाया है और नर्सिंग मामलों से जुड़े अन्य सभी मामले अब इसके साथ ही लिंक किए जाएंगे।
इससे पहले डेफिसिट किए गए कॉलेज सहित कुछ अपात्र कॉलेज भी अलग-अलग याचिकाएं HC में लगा रहे थे। जिससे यह भी आशंका थी कि मामले की पूरी जानकारी न दिए जाने के चलते इन याचिकाकर्ताओं को बेजा लाभ मिल सकता है लेकिन अभी याचिका क्रमांक 1080/2022 को मुख्य याचिका बनाए जाने के कारण यह संभावना खत्म हो गई है।
3 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
अब इस मामले की विस्तृत सनी 3 जुलाई 2025 को तय की गई है। कोर्ट के आदेश के अनुसार इस मामले को टॉप ऑफ द लिस्ट रखा गया है। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद गठित की गई कमेटी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए भी हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं।
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