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मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत OBC आरक्षण देने के का मामला फिर एक बार सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। 2019 में सरकार द्वारा लाए गए कानून के लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। SC ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है।याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कानून को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
एडवोकेट जनरल के नोटिफिकेशन पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में OBC के लिए 27% आरक्षण का प्रावधान किया था। वहीं राज्य के एडवोकेट जनरल ने एक नोटिफिकेशन के जरिए इसे अमल में नहीं लाने की सलाह दी थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ऐसा निर्णय केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही लिया जा सकता है, किसी एक अधिकारी के सुझाव से नहीं।
MPPSC अभ्यर्थियों ने भी जताई नाराजगी
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि कानून बनने के बावजूद सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। उनके अनुसार जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस पर कोई रोक नहीं लगाई जाती, तब तक इसे अमल में लाया जाना चाहिए।
'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' केस नहीं है ये मामला: याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता निश्चय सोनबीसे और अन्य ने कोर्ट में कहा है कि यह कोई 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' मामला नहीं है जिससे कानून को लागू करने से रोका जाए। कानून को लागू न करना संविधान के खिलाफ है।
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जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के लिए भरी हामी
वकील वरुण ठाकुर ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग रखी। बेंच ने याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। इससे मध्यप्रदेश के लाखों ओबीसी अभ्यर्थियों को उम्मीद की किरण नजर आई है।
ओबीसी आरक्षण मामले की टाइमलाइन
तारीख | मामला |
---|---|
🔹 8 मार्च 2019 | तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश लाकर OBC आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% किया। |
🔹 जुलाई 2019 | अध्यादेश को विधानसभा में पारित कर कानून का रूप दे दिया गया। |
🔹 19 मार्च 2019 | मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मेडिकल पीजी प्रवेश पर रोक लगाते हुए 27% आरक्षण पर स्टे लगाया। |
🔹 2019 के बाद | कई सरकारी भर्तियां और शैक्षणिक प्रवेश प्रक्रियाएं बाधित हुईं। |
🔹 2020–2023 | सरकार ने 87:13 फॉर्मूला लागू किया – 87% सीटों पर भर्ती, 13% अलग रखीं। |
🔹 2024 | सभी संबंधित याचिकाएं एमपी हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गईं। |
🔹 20 जून 2025 | सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की सुनवाई की मांग पर अगले सप्ताह सुनवाई का भरोसा दिया। |
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