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ओंकारेश्वर, जो कि मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। खासतौर पर श्रावण मास के दौरान यहां भारी संख्या में भक्तों की आमद होती है। इस साल 14 जुलाई से 28 अगस्त तक कुल 6 सोमवार पड़ रहे हैं। इसके कारण प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष तैयारी की है। ओंकारेश्वर के मंदिर प्रशासन के जरिए कई अहम बदलावों और व्यवस्थाओं की घोषणा की गई है, ताकि भक्तों को बिना किसी परेशानी के दर्शन का लाभ मिल सके।
ओंकारेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव
श्रावण मास के दौरान ओंकारेश्वर में विशेष दर्शन प्रबंध किए गए हैं। यह भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। खासतौर पर शनिवार, रविवार और सोमवार को विशेष दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। वीआईपी दर्शन अब केवल प्रोटोकॉल से संबंधित व्यक्तियों के लिए होंगे, जबकि सामान्य भक्तों के लिए मंदिर में लाइन में लगना अनिवार्य होगा।
सभी श्रद्धालुओं के लिए सुबह 9:00 बजे तक विशेष दर्शन की सुविधा रहेगी। इसके बाद वे आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में लगने के लिए बाध्य होंगे। प्रशासन ने भक्तों के दर्शन के समय को और सरल बनाने के लिए दोपहर 12:20 से 1:20 तक मंदिर बंद रखने के समय को कम कर दिया है। अब मंदिर जल्दी खुलेगा। इससे दर्शन में कोई अवरोध नहीं होगा।
ओंकारेश्वर में बदली दर्शन व्यवस्था को पांच प्वाइंट में समझें...
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ओंकारेश्वर मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था
ओंकारेश्वर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए, मंदिर ट्रस्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी है। तीन डॉक्टर नियमित रूप से तैनात किए जाएंगे। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से एक अतिरिक्त डॉक्टर उपलब्ध कराया जाएगा।
सभी प्रमुख घाटों पर ऑक्सीजन सिलिंडर और प्राथमिक उपचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
नर्मदा नदी के घाटों होंगे सुरक्षा प्रबंध
ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के घाटों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। घाटों पर सुरक्षा नावें तैनात की जाएंगी। नगर परिषद को एक नया अनाउंसमेंट सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कोटवार, पटवारी, आरआई जैसी स्थानीय प्रशासनिक टीमों को घाटों पर ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
इसके अलावा, ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में नौका विहार के दौरान डीजल इंजन वाली नावों पर रोक लगा दी गई है। अब केवल पेट्रोल चालित इंजन वाली नावों को ही अनुमति दी जाएगी।
कांवड़ियों को मिलेगी यातायात में सुविधा
यातायात के प्रबंधन के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। ऑटो रिक्शा को नगर की सीमा में प्रवेश नहीं मिलेगा। ऑटो स्टैंड को दंडी आश्रम, पुराने बस स्टैंड और बालवाड़ी तक सीमित कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं और कांवड़ियों के लिए इंदौर-खंडवा इच्छापुर सड़क मार्ग पर एक माह तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। बड़े वाहनों को धमनोद खंडवा महाराष्ट्र की ओर भेजा जाएगा, जबकि छोटे वाहन, कार, बस और पेट्रोल-डीजल टैंकरों को निकासी की अनुमति होगी।
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