मध्य प्रदेश में पर्यटन के बारे में जो आम राय है, वह कुछ हद तक गलत है। लोग सोचते हैं कि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल मुख्य रूप से हिल स्टेशन और नेशनल पार्क जैसे पचमढ़ी और बांधवगढ़ ही हैं, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। असल में, इस राज्य में सबसे ज्यादा पर्यटक धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, जैसे उज्जैन, मैहर, और ओंकारेश्वर, जो यह दिखाता है कि मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का बहुत बड़ा प्रभाव है।
कहां कितने पहुंचे पर्यटक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल जनवरी से अक्टूबर तक प्रदेश में करीब 10.7 ( 10,69,42,911 ) करोड़ पर्यटक पहुंचे। इनमें से सबसे ज्यादा पर्यटक उज्जैन और मैहर गए, जहां उज्जैन में 5,82,11,242 यानी 5.8 करोड़ से ज्यादा और मैहर में 1,15,51,000 ( 1.15 ) करोड़ लोग पहुंचे। वहीं, पचमढ़ी में महज 2.27 लाख पर्यटक ही आए। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि धार्मिक पर्यटन का रुझान बढ़ रहा है। इसी तरह, भोपाल के पास स्थित सलकनपुर मंदिर में 22 लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया। खजुराहो, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, यहां 3.56 लाख पर्यटक पहुंचे। इसी तरह प्रदेश के अलग- अलग धार्मिक स्थलों पर इस साल भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे। अगर हम साल 2023 की बात करें तो एमपी में 11 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आ थे, जो अब तक का रिकॉर्ड है। एमपी में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 11 करोड़ 21 लाख पर्यटक पहुंचे, जिनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 1 लाख 83 हजार रही।
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अन्य धार्मिक स्थलों का हो रहा विकास
प्रदेश सरकार ने इन धार्मिक स्थलों का विकास बहुत ही सक्रिय रूप से किया है। बेहतर सड़क संपर्क, नई आवास सुविधाएं और सुविधाओं का विस्तार करने से इन स्थलों पर आना-जाना और भी आसान हो गया है। इसके अलावा, पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 18 अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास किया जा रहा है। मध्य प्रदेश पर्यटन के प्रबंध निदेशक, इलियाराज ने बताया कि महाकाल लोक के बाद अब राज्य सरकार अन्य धार्मिक स्थलों को भी उसी तर्ज पर विकसित कर रही है, ताकि इन स्थानों पर भी पर्यटकों की संख्या बढ़ सके।
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ये स्थान भी पर्यटकों को करता है आकर्षित
हालांकि, कुछ और स्थान हैं जो धार्मिक और एडवेंचर पर्यटक दोनों को आकर्षित करते हैं। जैसे, पचमढ़ी जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औपनिवेशिक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। बांधवगढ़ और कान्हा जैसे बाघ अभयारण्यों में मुख्य रूप से वन्यजीव प्रेमी आते हैं, खासकर ठंडे मौसम के दौरान। इस तरह की पर्यटन गतिविधियां मुख्य रूप से मौसम के हिसाब से बदलती हैं। विशेष धार्मिक अवसरों और त्योहारों के दौरान धार्मिक स्थलों पर अधिक भीड़ होती है, जबकि हिल स्टेशनों पर गर्मी के मौसम में ज्यादा पर्यटक आते हैं।
इस तरह, मध्य प्रदेश का पर्यटन, जहां एक ओर धार्मिक स्थलों के आकर्षण से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर साहसिक पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य सरकार अपनी नीति के तहत इन दोनों क्षेत्रों को विकसित करने में लगी हुई है, ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
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