द सूत्र इम्पैक्ट : पाकीजा नहीं बचेगा, नगर निगम अनियमितता जांचने के लिए आज करेगा नपती

इंदौर के रीगल तिराहे एमजी रोड पर स्थित सबसे बड़े और पुराने शोरूम में से एक पाकीजा को बचाने के खेल का खुलासा 'द सूत्र' द्वारा करने के बाद इसमें नगर निगम सख्त हो गया है।

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Sanjay gupta
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इंदौर के रीगल तिराहे एमजी रोड पर स्थित सबसे बड़े और पुराने शोरूम में से एक पाकीजा को बचाने के खेल का खुलासा 'द सूत्र' द्वारा करने के बाद इसमें नगर निगम सख्त हो गया है। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने इसमें पूरी फाइल बुला ली और इसमें आदेश दिए हैं कि मौके पर जाकर पाकीजा की पूरी जांच की जाए।

नपती के लिए पहुंचेगा दल

गुरुवार रात को निगमायुक्त शिवम वर्मा ने सख्त रूख अपनाते हुए इस मामले में सभी अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। यह भी पूछा कि आखिरकार हाईकोर्ट में समय क्यों लिया गया, जिसके कारण कार्रवाई रूक गई। वहीं इस दौरान सामने आया कि पाकीजा के नक्शे और निर्माण में भारी अंतर है और अनियमितताएं हैं। इस पर निगमायुक्त ने आदेश दिए कि शुक्रवार को जाकर पूरे पाकीजा की नपती की जाए और विस्तार से एक-एक बिंदु देखा जाए कि यह नक्शे के अनुरूप बना है या नहीं। इसके लिए दल भी गठित कर दिया गया है। यह दल शुक्रवार को मौके पर जाकर पूरे पाकीजा की नपती करेगा और निरीक्षण कर रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपेगा।

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पाकीजा का बेसमेंट गैर कानूनी बना

रीगल तिराहे पर एमजी रोड पर स्थित पाकीजा शोरूम का बेसमेंट पूरी तरह से गैरकानूनी ढंग से व्यावसायिक तौर पर चल रहा है। इसका नक्शा नीचे स्टोर रूम, गोदाम के रूप में पास है लेकिन यहां पर स्टोर रूम की जगह व्यावसायिक तौर पर शोरूम संचालित हो रहा है। सबसे बड़ी बात पाकीजा का नक्शा ओपन टू स्काई तर्ज पर पास है, यानी मल्टी के बीच में बेसमेंट से लेकर ऊपर तक ऐसा निर्माण होना चाहिए जिससे कि आकाश दिखे, यानी हर फ्लोर दिखे, जैसे कि टीआई माल में नजर आता है। लेकिन पहले फ्लोर पर पूरा पैक कर दिया गया है, यानी बेसमेंट पूरा कवर हो गया है। जो किसी घटना के हिसाब से जान-माल के लिए काफी घातक है। इस तरह बेसमेंट का स्टोर रूम की जगह व्यावसायिक का गलत उपयोग और बेसमेंट को पूरा कव करना दो बड़े गैरकानूनी काम पाकीजा ने किए हैं।

संपत्तिकर की भी निकलेगी बड़ी चोरी

बेसमेंट में हजारों वर्गफीट का निर्माण है और व्यावसायिक उपयोग है। ऐसे में इस एरिया का भी संपत्तिकर जोड़ा जाना चाहिए। यह कितना बन रहा है और कब से यह लंबित है, इसे भी देखा जाना है। माना जा रहा है कि इसमें करोड़ों रुपए की संपत्ति कर चोरी निकलेगी। क्योंकि पाकीजा शोरूम बहुत पुराना है और बेसमेंट का भी सालों से कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है।

हाईकोर्ट में इस तरह से पाकीजा को बचाया गया

जोन 11 में आने वाले पाकीजा शोरूम को बिल्डिंग ऑफिसर ने बेसमेंट के गलत उपयोग को लेकर क्लियर करने का नोटिस जारी किया। लेकिन इस नोटिस के खिलाफ पाकीजा ग्रुप के मंजूर हुसैन गोरी, रुकसाना , मकसूद हुसैन गोरी, शाहिदा बी, इकबाल हुसैन गोरी, रईसा बी , महबूब हुसैन गोरी, महरून बी ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। इसमें इंदौर नगर निगमायुक्त और बिल्डिंग आफिसर जोन 11 को पार्टी बनाया गया। लेकिन इस दौरान हाईकोर्ट में खेल हो गया और निगम की ओर से ही इसमें दो बार समय मांग लिया गया, जिससे पाकीजा को एक महीने से ज्यादा की मोहलत पहले ही मिल गई। खुद निगम द्वारा समय मांगने के चलते मामले में सीधे तारीख आगे बढ़ गई और मेरिट पर कोई फैसला हुआ ही नहीं।

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