BHOPAL. पं. प्रदीप मिश्रा नीमच के मनासा में सोमवार, 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक कथा का आयोजन करने वाले थे। इसकी सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई थी। 31 मार्च रविवार को शहर में कलश यात्रा भी निकाली गई थी। कथा सुनने पहले ही दिन करीब 50 हजार लोग कथा पंडाल पहुंचे थे, लेकिन पंडित मिश्रा के कथा निरस्त करने की घोषणा के बाद लोग मायूस हो गए।
जब तक डॉक्टर परमिशन नहीं देते कथा नहीं करेंगे
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा निरस्त करने का कारण बताते हुए कहा कि 29 मार्च को आष्टा में महादेव होली खेली गई थी। इस दौरान गुलाल की जगह किसी ने नारियल फेंक दिया था इसके कारण ब्रेन में थोड़ी दिक्कत आ गई। सिर में अंदर की ओर चोट लगने के कारण ब्रेन में सूजन हो गई है। डॉक्टरों ने कहा है कि दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं देना है। जब तक डॉक्टर परमिशन नहीं देते हम कथा नहीं कर सकते। पंडित प्रदीप मिश्रा सोमवार को नीमच के मनासा में शिवमहापुराण कथा करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कथा निरस्त कर दी।
जो कथाएं आगे भी होंगी वो भी कैंसिल की जाएंगी
पंडित मिश्रा ने कहा कि अगले साल विठलेश सेवा समिति कथा करने के लिए मनासा आएगी। उन्होंने कहा कि आप हमारे दीदी हो, जीजा हो। भाई के दर्द को आप लोग जानते हैं। आप सब लोग यहां पहुंचे, आप सब लोगों को कष्ट हुआ। केवल वचन को निभाना था, इसलिए अस्पताल से छुट्टी करवाकर मैं आप लोगों के बीच में आया हूं। पंडित मिश्रा ने कहा कि हमको थोड़ा बहुत भी अच्छा लगता है, तब ही आगे की कथाएं करेंगे, नहीं तो जो कथाएं आगे भी होने वाली थी वो कैंसिल हो जाएंगी।
कथा निरस्त होने का सुनकर महिलाएं रोने लगी
1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक नीमज के मनासा में कथा के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। कथा के पहले दिन 31 मार्च रविवार को शहर में कलश यात्रा भी निकाली गई थी इसमें करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे। पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा निरस्त करने की घोषणा के बाद सभी श्रद्धालू मायूस होकर लौटे। कुछ महिलाएं तो रोने भी लगीं। बड़ी संख्या में कथा सुनने आए लोगों के चलते सड़कों पर जाम के हालात भी बन गए। पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए सड़कों पर मशक्कत करती नजर आई।