पार्वती-कालीसिंध-चंबल और ईआरसीपी लिंक परियोजना को लेकर बुधवार को दिल्ली में मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक हुई। यह बैठक जल शक्ति मंत्रालय में हुई। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मौजूद रहे। इनके अलावा केन्द्र और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
प्रोजेक्ट पर इतने करोड़ होंगे खर्च
बता दें कि राजस्थान ने अपने सभी बांध और बैराज की डीपीआर तैयार कर ली है। जबकि मप्र के बांध और बैराज की डीपीआर 15 से 20 दिन में फाइनल हो जाएगी। मप्र की परियोजना की डीपीआर का परीक्षण बांध सुरक्षा, डिजाइन एंड हाइड्रोलॉजी से परीक्षण कराया जा रहा है। बुधवार को हुई बैठक में केंद्र ने दोनों राज्यों से परियोजना की लागत, सिंचाई क्षेत्र और समय सीमा पर चर्चा की। पार्वती-कालीसिंध-चंबल और ईआरसीपी लिंक परियोजना पर 75 हजार करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, एमपी में 35 हजार करोड़ तो राजस्थान में 40 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट बनेंगे।
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मोहन यादव ने क्या बताया?
इस परियोजना के बारे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो अभियान पर काम चल रहा है। एमपी इकलौता ऐसा राज्य है जो यूपी के साथ केन-बेतवा और राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल -ईआरसीपी लिंक परियोजनाओं के साथ दो नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
मोहन यादव ने आगे कहा कि केंद्र की मदद से मध्य प्रदेश और राजस्थान ने मिलकर 20 साल पुराना जल बंटवारा विवाद सुलझा लिया है। दोनों राज्यों के बीच 28 जनवरी को एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।
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