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मध्यप्रदेश एटीएस ने फर्जी दस्तावेजों पर भारतीय पासपोर्ट बनवाने के मामले में एक अफगानी नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी 53 वर्षीय अकबर को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। वह कई वर्षों से भारत में रह रहा था। आरोपी को जबलपुर लाया गया है। उसे सोमवार (4 अगस्त) कोर्ट में पेश किया गया।
सोहबत की निशानदेही पर पकड़ा गया अकबर
गौरतलब है कि तीन दिन पहले एटीएस ने जबलपुर के ओमती क्षेत्र से अफगानी युवक सोहबत खान को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि सोहबत न सिर्फ खुद फर्जी पासपोर्ट बनवा चुका था, बल्कि उसने अकबर समेत एक और अफगानी नागरिक के लिए भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी।
जबलपुर में ATS की बड़ी कार्रवाई, 10 साल से फर्जी तरीके से रह रहे अफगानी नागरिक को किया गिरफ्तार
कोलकाता में छिपकर रह रहा था अकबर
अकबर करीब दो दशक पहले अफगानिस्तान से भारत आया था और धीरे-धीरे अलग-अलग शहरों में छोटे-मोटे काम करते हुए कोलकाता में बस गया। वहीं वह कई वर्षों से गुमनाम जीवन जी रहा था। सोहबत से संपर्क में आने के बाद उसने अफगानिस्तान लौटने की योजना बनाई और पासपोर्ट बनवाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये में सौदा किया।
पासपोर्ट रैकेट मामले को एक नजर में समझें...
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जबलपुर के फर्जी पते से बना पासपोर्ट
सोहबत ने पासपोर्ट रैकेट से अकबर की डील कराई और गिरोह के चंदन सिंह, महेश सुखदान और दिनेश गर्ग से मिलकर जबलपुर के फर्जी पते से उसका पासपोर्ट बनवाया। अकबर सिर्फ एक दिन के लिए जबलपुर आया, फोटो और सत्यापन की औपचारिकता पूरी की और फिर कोलकाता लौट गया। पासपोर्ट बनने के बाद गिरोह ने डाकिए को तीन हजार रुपये देकर रास्ते में ही पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया।
पूरे रैकेट पर एटीएस की नजर
एटीएस की जांच में सामने आया है कि पासपोर्ट रैकेट का संचालन योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा था। इसमें स्थानीय लोगों की मदद से झूठे पते, पहचान पत्र और कागजात तैयार किए जाते थे। पैसे का लेन-देन ऑनलाइन किया गया। प्रक्रिया इतनी सतर्कता से अंजाम दी गई कि पासपोर्ट सेवा केंद्र के कर्मचारी भी धोखा खा गए।
एके-47 वाली फोटो ने खोली पोल
इस पूरे मामले पर एटीएस की नजर तब पड़ी जब अफगानी युवक सोहबत खान ने एके-47 के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। एटीएस की नजर इस पर पड़ते ही जांच शुरू होते ही फर्जी दस्तावेजों और पासपोर्ट बनाने के इस गिरोह का खुलासा हुआ। हालांकि अभी तक सोहबत के पास से कोई हथियार जब्त होने की जानकारी नहीं मिली है।
कौन-कौन गिरफ्त में
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सोहबत खान (अफगानी युवक) – फर्जी पासपोर्ट बनवाया, सोशल मीडिया पर हथियारों की तस्वीरें डाली
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दिनेश गर्ग (वनरक्षक) – पासपोर्ट दस्तावेजों की प्रक्रिया में सहयोग
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महेश सुखदान (कटंगा निवासी) – फर्जी पता और कागज तैयार करने में भूमिका
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चंदन सिंह (शंकर शाह नगर निवासी) – पहचान पत्र और पते की फर्जी प्रक्रिया में शामिल
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अकबर (कोलकाता से गिरफ्तार अफगानी नागरिक) – रैकेट के जरिए पासपोर्ट बनवाया
एक और अफगानी की तलाश जारी
एटीएस अब उस तीसरे अफगानी नागरिक की तलाश में जुटी है। इसके लिए भी जबलपुर के फर्जी पते से पासपोर्ट तैयार किया गया था। लगातार सामने आ रहे खुलासों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है कि कहीं यह नेटवर्क देशव्यापी तो नहीं? क्योंकि जबलपुर में बीते दिनों एक नेपाली युवक भी फर्जी पासपोर्ट बनाने में कामयाब हुआ था। इसे दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया था।
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