BHOPAL. मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियां अब डिजिटल युग में प्रवेश कर रही हैं। ई-कॉमर्स और फिनटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पेटीएम ने प्रदेश की 42 कृषि मंडियों में 800 ईडीसी (इलेक्ट्रॉनिक डेटा कैप्चर) मशीनें लगाकर किसानों और व्यापारियों के लिए लेनदेन को और आसान बना दिया है।
नकदी लेनदेन की झंझट से मुक्ति
पेटीएम की इन मशीनों के आने से किसानों और व्यापारियों को अब नकदी लेनदेन की झंझट से मुक्ति मिल गई है। वे आसानी से कार्ड या डिजिटल वॉलेट का उपयोग कर भुगतान कर सकते हैं। साथ ही इन मशीनों से प्रिंटेड रसीद और खरीद ऑर्डर भी मिल जाते हैं, जिससे लेनदेन पारदर्शी और सुरक्षित हो जाते हैं।
1300 मंडियों में और लगेंगी मशीनें
पेटीएम ने मध्य प्रदेश के बाद देश के अन्य राज्यों में भी इस सेवा का विस्तार करने की योजना बनाई है। कंपनी ने आने वाले दो वर्षों में देशभर की विभिन्न कृषि मंडियों में 1300 और मशीनें लगाने का प्लान बनाया है।
क्या होगा फायदा
पहले मंडियों में जहां लेनदेन में काफी वक्ता लगता था, अब पेटीएम मशीनों से लेनदेन कुछ ही मिनटों में हो रहे हैं। डिजिटल लेन देन नकदी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। मंडियों में किसानों से चोरी की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। बदमाश किसानों का पैसा लेकर भाग जाते थे।
देश में डिजिटल क्रांति
देश और प्रदेश लगातार डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ रहे हैं। 2024 में ही यूपीआई के जरिए 131 अरब ट्रांजेक्शन हुए हैं। हर दिन होने वाले इस ट्रांजेक्शन की संख्या 2026-27 तक एक अरब तक पहुंचने का अनुमान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में दुनियभर में की गई सभी रीयल टाइम पेमेंट का 46 फीसदी भारत से ही किया गया। यूपीआई पेमेंट के मामले में भारत डिजिटल पेमेंट करने वाले चार बड़े देशों को पीछे छोड़ चुका है, चीन और अमेरिका भी इसमें शामिल हैं।
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