/sootr/media/media_files/2025/03/09/h8bwQiy75Y9unw6iD8El.jpg)
मध्य प्रदेश में एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर और सिंगरौली में हालात खराब हो चुके हैं। यहां का एक्यूआई (Air Quality Index) 400 के पार चला जाता है, जो बेहद खतरनाक है। इसी वजह से राज्य सरकार ने 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर रोक लगाने का फैसला किया है।
पुरानी गाड़ियां और खराब सड़कें
राज्य में महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां लाकर बेची जा रही हैं। इनकी सही से जांच नहीं होती, जिससे ये वाहन धुआं छोड़ते हैं और प्रदूषण बढ़ाते हैं। खासकर ठंड के मौसम में जब हवा में नमी होती है, तो धुएं के कण नीचे रहकर सांस की बीमारियों (Respiratory Diseases) का कारण बनते हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा टैक्स, VAT लगाने वाला पांचवां राज्य
कैसे लागू होगा नया नियम?
मुख्यमंत्री ने परिवहन और पर्यावरण विभाग को निर्देश दिए हैं कि 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को डीजल देने पर रोक लगाई जाए। यह दिल्ली मॉडल (Delhi Model) की तर्ज पर लागू किया जाएगा, जहां यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो रहा है।
इन गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को AQI सुधारने के लिए निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में यह भी शामिल है कि जो 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी हैं उन्हें पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन और पर्यावरण विभाग इस नियम को सख्ती से लागू करे।
/sootr/media/media_files/2025/03/09/BmmgtR7EQLyHCEV2xwtr.png)
इन शहरों के लिए लागू होगा नियम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल, ग्वालियर, सिंगरौली और जबलपुर समेत एयर पॉल्यूशन से प्रभावित शहरों के लिए ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिन शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, वहां सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता कार्यक्रम की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी राज्य स्तरीय योजना बनाई जाएगी। इस योजना में एक्यूआई 100 या उससे अधिक वाले शहरों को शामिल किया जाएगा और इन पर नए सिरे से काम किया जाएगा।
दिल्ली मॉडल क्यों
दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए यह मॉडल लागू किया गया है। इसके तहत 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल नहीं मिलेगा और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को डीजल नहीं मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य पुराने वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं को रोककर हवा की गुणवत्ता में सुधार करना है। अब मध्य प्रदेश भी इसी मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रहा है ताकि बढ़ते एयर पॉल्यूशन पर नियंत्रण पाया जा सके।