संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में शराब ठेकेदारों में अवैध शराब की गुजरात लाइन को लेकर तनाव तेज हो गया है। मामला सूरज रजक, रमेश राय गुट के साथ एके सिंह, पिंटू भाटिया और अल्केश बाकलिया गुट का है। रजक ने इस मामले में सिंह के घर गए, लेकिन वह मिले नहीं। अब इसमें पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ( Police Commissioner Rakesh Gupta ) को अलर्ट होने की जरूरत है क्योंकि तीन साल पहले सिंडीकेट की बैठक में शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर पर खुलेआम गोली चल चुकी है, जिसमें मुख्य आरोपी हेमू ठाकुर, चिंटू ठाकुर के साथ पिंटू पिंटू भाटिया और एके सिंह का भी नाम आया और बाद में हट गया।
विवाद क्या है?
दरअसल विवाद की शुरुआत रजक के तेजी से शराब कारोबार में पैर पसारने से हुई। इस बार धार का शराब ठेका रजक और राय गुट ने ले लिया। अभी तक धार, झाबुआ, अलीराजपुर में ठेके में एके सिंह, भाटिया, अल्केश गुट हावी रहता था। लेकिन धार ठेका रजक के खाते में जाने के बाद दूसरे गुट की गुजरात लाइन प्रभावित हो रही है, कारण है कि धार के बिना शराब का अवैध रूप से गुजरात जाना संभव ही नहीं है। सिंह, भाटिया गुट की डिस्टलरी भी धार जिले में ही है। यहीं से अवैध शराब जाने का मुख्य ठिकाना होता है, जिसकी कुछ साल पहले पीएस आबकारी दीपाली रस्तोगी जांच भी करा चुकी है। उधर सिंह ग्रुप ने रजक को जवाब देने के लिए उनके सबसे अहम सर्कल 54 को नीलामी में हासिल कर लिया। इससे तनाव और बढ़ गया। एके सिंह में गुजरात लाइन का मुख्य काम अल्केश बाकलिया देखता है जिस पर कई केस है और गुजरात पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर चुकी है। रजक के धार कारोबार में आने के बाद यह लाइन प्रभावित हो रही है।
तीन साल पहले हुए गोलीकांड में सिंडिकेट मीटिंग के वीडियो। इसमें गोली चली थी।
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विवाद क्यों उठा है?
चुनाव आचार संहिता में पुलिस सक्रिय है और लगातार गुजरात जाने वाली शराब पकड़ी जा रही है। इसमें रजक का आरोप है कि हर जगह सिंह पुलिस से अपने संबंधों के चलते उन्हें उलझाने के लिए अवैध शराब परिवहन केस में उनका नाम (रजक) का नाम जुड़वाने की कोशिश कर रहा है। सिंह सालों से शराब धंधे में हैं तो वह उन्हें इस धंधे में रहने देना नहीं चाहता है। इसी के चलते सिंह उन्हें उलझा रहा है। बार-बार नाम आने के चलते रजक सिंह से मिलने के लिए घर गया था, लेकिन सिंह नहीं मिले। रजक ने द सूत्र को बताया कि हां मैं मुद्दा सुलझाने के लिए गया था लेकिन सिंह नहीं मिले, मैं आ गया, वैसे भी अकेला ही गया था ताकि आराम से बात होकर विवाद सुलझा लें। वह हर जगह मुझे उलझाने में लगे हुए हैं। उधर सिंह ने कहा कि गुरुवार सुबह घर पर मुलाकात रजक से हो गई थी, कुछ लोग गलत बातें उड़ा रहे हैं, हमारा कोई विवाद नहीं है। मेरा कहीं भी उनसे कोई मतभेद नहीं है। रही बात शराब दुकान की तो वह तो कोई भी नीलामी में ले सकता है, उन्होंने धार ले लिया।
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3 साल पहले हुआ था गोलीकांड
इंदौर में शराब कारोबारियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई नई नहीं है। तीन साल पहले शराब कारोबारियों ने मिलकर सिंडिकेट बनाया था। बाद में इसी में विवाद हो गया। विवाद सुलझाने विजयनगर क्षेत्र में सिंडिकेट आफिस में बैठक हुई। इसमें पिंटू भाटिया के साथ एके सिंह, गुंडा सतीश भाउ और गोली चलाने वाला हेमू ठाकुर, चिंटू ठाकुर साथ पहुंचे थे। इसमें चिंटू ने अर्जुन ठाकुर पर चर्चा के दौरान ही पिस्तौल निकालकर गोली मार दी। इसमें वह गंभीर घायल हुआ था। जान बच गई। बाद में यह सिंडिकेट खत्म हुआ लेकिन सभी शराब कारोबारियों ने अपने-अपने लोगों के साथ ग्रुप बना लिए और मिलकर काम करते हैं। इसमें सबसे अहम गुजरात की अवैध शराब लाइन है, यही असल मुनाफे का धंधा है।