हरीश मिश्र, भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने मस्जिद कमेटी प्रभारी सचिव ( Mosque Committee Secretary Incharge ) की शिकायत पर पूर्व प्रभारी सचिव यासिर अराफात ( Former Secretary in charge Yasser Arafat ) के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया है। यासिर को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। उस पर मस्जिद कमेटी में वित्तीय अनियमितताएं ( Financial irregularities in mosque committee ) करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद यासिर की गिरफ्तारी की जाएगी।
कर्मचारियों का 60- 70 हजार तक पहुंचाया आर्थिक लाभ
यासिर ने कई मामलों में बल्लेबाजी की है। पता चला है कि उसने 43 कर्मचारियों का पांचवां, छठवां और सातवां वेतनमान लगाकर वेतन 70 हजार रुपए तक कर दिया था, जबकि पहले उनका वेतन 10 हजार रुपए हुआ करता था। इस मामले में अधिकारियों की भी मिलीभगत थी। इसी के साथ उसने काजी और मुफ्तियों से घूस मांगी ( demanded bribe from muftis ) थी।
शिकायतों के बाद खुली पोल
सूत्रों का कहना है कि यह बड़ा घोटाला है। आरोप है कि इस प्रकरण में पदनाम, वेतनमान वृद्धि का फर्जी राजपत्र प्रकाशन किया गया था। यासिर ने कई दस्तावेजों पर अपने फर्जी साइन कर गोलमाल किया। अब धीरे-धीरे शिकायतें होने के बाद कारगुजारियों से पर्दा उठने लगा है।
ताजा मामला भी जान लीजिए
भोपाल पुलिस के अनुसार, चटाईपुरा बुधवारा निवासी सैय्यद उवैस अली (46) कार्यालय मस्जिद कमेटी के प्रभारी सचिव हैं। उन्होंने 28 फरवरी 2024 को पद संभाला है। इससे पहले वह वरिष्ठ लिपिक थे। पद संभालने के बाद उन्होंने जांच की। पड़ताल में पता चला कि 5 लाख 61 हजार 850 रुपए की राशि गायब है।
साढ़े पांच लाख रुपए का किया गबन
इस साढ़े पांच लाख रुपए का गबन पूर्व प्रभारी सचिव यासिर अराफात के कार्यकाल में हुआ था। इसके बाद मामले में विभागीय स्तर पर जांच की गई। जांच में गोलमाल सामने आ गया। अब प्रभारी सचिव सैय्यद उवैस अली की शिकायत पर शाजहांनाबाद पुलिस ने आरोपी यासिर आराफात के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।