हरदा में लाठीचार्ज पर सियासत गरमाई, दिग्विजय सिंह ने कर दी ये मांग

13 जुलाई 2023 को हरदा जिले में एक विवाद के बाद पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना हुई थी। यह घटना राजपूत समाज और पुलिस के बीच हुए एक विवाद के बाद सामने आई थी। विवाद पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने 59 लोगों को हिरासत में लिया था।

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Sandeep Kumar
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Harda Digvijay Singh
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के हरदा में 13 जुलाई को हुए लाठीचार्ज पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने न्यायिक जांच की मांग की और अधिकारियों के तबादले की सिफारिश की। घटना को लेकर कलेक्टर और एसपी पर एफआईआर की भी मांग की गई है।

दिग्विजय ने की जांच की मांग

दिग्विजय सिंह ने हरदा का दौरा किया और राजपूत समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हरदा के एसपी, एडिशनल एसपी, एसडीओपी और एसडीएम के तहत निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने इन अधिकारियों के तबादले की मांग की। इसके बाद सभी संगठनों ने सर्वसम्मति से घटना की न्यायिक जांच और आरोपित अधिकारियों के तबादले की मांग की। दिग्विजय सिंह ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाने का ऐलान किया।

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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि करणी सेना के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। उनके अनुसार, इस घटना का मुख्य कारण कम्युनिकेशन गैप था। उन्होंने कहा कि चर्चा और संवाद का अभाव ही इस घटना का कारण बना।

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क्या था पूरा मामला?

13 जुलाई 2023 को हरदा जिले में एक विवाद के बाद पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना हुई थी। यह घटना राजपूत समाज और पुलिस के बीच हुए एक विवाद के बाद सामने आई। विवाद पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने 59 लोगों को हिरासत में लिया। इस घटना को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

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4 प्वांइट्स में समझें पूरी खबर

👉 मध्य प्रदेश के हरदा में 13 जुलाई को हुए लाठीचार्ज के बाद सियासत गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की और अधिकारियों के तबादले की सिफारिश की है। 

👉 नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उनके अनुसार, इस घटना का मुख्य कारण कम्युनिकेशन गैप था। उन्होंने कहा कि घटना का कारण संवाद और चर्चा की कमी थी।

👉 13 जुलाई को हरदा जिले में एक विवाद के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यह विवाद राजपूत समाज और पुलिस के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ था। पुलिस ने इस दौरान 59 लोगों को हिरासत में लिया। 

👉 घटना के बाद कांग्रेस और राजपूत समाज के नेताओं ने कलेक्टर कार्यालय जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की कोशिश की। पुलिस ने टिमरनी विधायक अभिजीत शाह को रोका, जिससे पुलिस और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक हुई। 

कलेक्टर कार्यालय में हंगामा

घटना के बाद कांग्रेस और अन्य राजपूत समाज के नेताओं ने कलेक्टर कार्यालय जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की कोशिश की। इस दौरान, टिमरनी विधायक अभिजीत शाह को पुलिस ने रोका, जिससे पुलिस और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बाद में, विधायक जयवर्धन सिंह गेट पर आकर ज्ञापन सौंपने में सफल हुए। अभिजीत शाह ने इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही।

कांग्रेस विधायक रामकिशोर दोगने का बयान

कांग्रेस विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने ने घटना की कड़ी निंदा की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसा आक्रमण किया, जैसे कोई आतंकवादी राजपूत छात्रावास में घुसा हो। उन्होंने बताया कि पुलिस ने किसी को भी लाठी डंडों से मारा और जमीन पर पटककर पीटा।

दोगने ने कहा कि यदि उन्होंने इस मामले को नहीं उठाया होता, तो पुलिस लाठीचार्ज कर देती। उन्होंने कलेक्टर और एसपी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की और कहा कि गोविंद सिंह के आने पर वे उनके साथ होंगे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।

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