एमपी अजब है... transformer को आग से बचाने बिजली कंपनी ने लगाए कूलर

कभी आपने सुना है जिस ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई की जाती है उसको गर्मी से बचाने के लिए बिजली कंपनी को कूलर लगाने पड़ रहे हों। ऐसा ही वाकया मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में देखने में आया है जहां ट्रांसफार्मर को आग से बचाने कूलर लगाए हैं। जानते हैं मामला...

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Jitendra Shrivastava
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NARMDAPURAM. मध्य प्रदेश के कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। इस गर्मी से बचने के लिए बिजली कंपनी ने एक अनोखा रास्ता निकाला है। बिजली के ट्रांसफार्मर को आग से बचाने के लिए या कहें ठंडी हवा देने के लिए कूलर लगा दिए हैं। ये आपने शायद ही कहीं देखा या सुना होगा, लेकिन यह हुआ है नर्मदापुरम जिले में जहां ट्रांसफार्मर को गर्मी लगने पर बिजली विभाग को कूलर की व्यवस्था करनी पड़ी। 

आग लगने से बचाने अपनाया ये तरीका

नर्मदापुरम में बिजली सप्लाई करने वाले ट्रांसफार्मर को गर्म होने से बचाने के लिए बिजली कंपनी सब-स्टेशनों पर कूलर की व्यवस्था कर रही है। जिससे इस भीषण गर्मी की वजह से ट्रांसफार्मर में आग लगने से रोका जा सके। नर्मदापुरम के इटारसी बिजली सब स्टेशन पर लगे बड़े ट्रांसफार्मर को तेज धूप की वजह से होने वालो गर्मी से बचाने के लिये दो कूलर लगाये गए हैं। जिन्हें सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक चालू रखा जाता है।

ट्रांसफार्मर को कूलरों से दी जा रही ठंडी हवा

बिजली के ट्रांसफार्मरों का तापमान सही रखने के लिए सब स्टेशन पर कूलर लगाए हैं। गर्मी में कूलरों की ठंडक से ट्रांसफार्मरों का तापमान सही बना रहता है। इटारसी सब स्टेशन पर बड़े ट्रांसफार्मरों के तापमान को बरकरार रखने के लिए कूलरों से ठंडी हवा दी जा रही है। क्योंकि गर्मी में ट्रांसफार्मर की केबल में आग लगने की पूरी संभावना बनी रहती है। इस तरह के प्रयोग से बड़े ट्रांसफार्मरों में आग लगने के खतरे से कुछ हद तक बचा जा सकता है। अभी बड़े ट्रांसफार्मर पर दो कूलरों को लगाकर ठंडी हवा दी जा रही है।

ओवरलोड से समस्या न आए इसलिए यह व्यवस्था की

ट्रांसफार्मरों के लिए कूलर लगाने पर बिजली कंपनी इटारसी के शहरी प्रबंधक अभिषेक कनोजे का कहना है कि ट्रांसफार्मर को ठंडक प्रदान करने के लिए अलग-अलग स्तर पर काम किया जा रहा है। सबसे पहले हम लोड बांटने का काम करते हैं। अगर कोई ट्रांसफार्मर या PTR ओवरलोड हो रहा होता है तो हमारी प्राथमिकता रहती है कि उसका लोड कम किया जाए। अगर इसके बाद भी टेंपरेचर मिनिमम लेवल से ज्यादा जाता है तो उस कंडीशन में कूलरों का सहारा ले रहे हैं। PTR ओवरलोड होने से ज्यादा बड़ी समस्या आ सकती है इसलिए पहले ही ट्रांसफार्मर को ठंडा रखने की व्यवस्था की जा रही है। इस वजह से ट्रिपिंग समस्या होने पर बिजली कंपनी इस तरह की व्यवस्था करती है जिसे लगभग 8 डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो जाता है। 

बिजली के ट्रांसफार्मर बिजली कंपनी ने एक अनोखा रास्ता निकाला ट्रांसफार्मर को आग से बचाने