Prabhat Jha Passes Away : एमपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा ( prabhat jha ) का निधन हो गया है। दिल्ली के अस्पताल में सुबह 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा की अंत्येष्टि कल 27 जुलाई को 3 बजे झा के पुश्तैनी गांव कोरियाही, जिला सीतामढ़ी, बिहार में होगी। बता दें, उनकी तबियत काफी दिनों से खराब चल रही थी।
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का जन्म 4 जून 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम पनेश्वर झा और माता का नाम अमरावती झा है। प्रभात झा की शादी रंजना झा से हुई थी। उनके दो बेटे हैं। झा मध्य प्रदेश के सांसद, पत्रकार और राज्यसभा में मध्यप्रदेश का नेतृत्व करने वाले के रूप में जाने जाते हैं।
प्रभात झा दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। वह ग्वालियर-चंबल के कद्दावर नेताओं में शामिल थे। प्रभात झा का जन्म बिहार के सीतागढ़ जिले में हुआ था।
एमपी से पूरी की थी पढ़ाई
झा अपने शुरुआती जीवन में ही परिवार के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आ गए। यहीं से उनकी प्रारंभिक शिक्षा- दीक्षा संपन्न हुई। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज से बीएससी, माधव कॉलेज ग्वालियर से राजनीति शास्त्र में एमए तथा एमएलबी कॉलेज ग्वालियर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
62 की उम्र में राजनीति से लूंगा संन्यास - झा
झा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं 62 की उम्र में राजनीति से संन्यास ले लूंगा। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की मेरी कोई इच्छा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो एक एकड़ जमीन भी खरीदेंगे और 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल चलाएंगे। साथ ही राजनीति से संन्यास के बाद 5 गाय और 2 भैंस भी पालेंगे।
पहले पत्रकारिता फिर राजनीति
प्रभात झा ने लंबे समय तक पत्रकारिता भी की है। पत्रकारिता करने के बाद झा राजनीति में आए। राजनीति में आते ही वो बीजेपी के सदस्य बने। इस दौरान भी वे लगातार अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए आलेख व स्तंभ लिखते रहे। वे पूर्ण रूप में एक सफल राजनेता 2008 में बने थे। इसके अलावा प्रभात झा भाजपा के मुखपत्र 'कमल संदेश' के संपादन का दायित्व भी निभाया।
2008 में बने थे विधानसभा सदस्य
अप्रैल 2008 में मध्यप्रदेश के राज्यसभा चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर विधानसभा सदस्य बने और रुरल डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य बने थे। जनवरी 2010 में वे पॉपुलेशन एवं पब्लिक हेल्थ के संसदीय फोरम सदस्य बनाए गए थे। अगस्त 2012 में वे रेलवे कमेटी के सदस्य बने और अप्रैल 2013 से वे शिल्पकारों और कारीगरों के संसदीय फोरम के सदस्य रहे।
शराब से ज्यादा किताबों से था प्यार
अक्टूबर 2009 में लिकर किंग विजय माल्या ने प्रभात को बतौर तोहफा शराब की बोतल भेजी थी। इस पर झा ने बोतल लौटाते हुए पत्र लिखा था कि मेरा आपसे न तो कोई परिचय है और न ही मेरे आपके अंतरंग संबंध हैं। मैं शराब का शौकीन भी नहीं हूं। आपने शराब की जगह कोई किताब भेजी होती, तो अच्छा होता।
हिंदी भाषा में लिखी कई किताबें
हिन्दी भाषा में झा की कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 2005 में शिल्पी, 2008 में जन गण मन, 2008 में ही अजातशत्रु - पं. दीनदयालजी, संकल्प, अंत्योदय, समर्थ भारत, 21वीं सदी - भारत की सदी, चुनौतियां और विकल्प शामिल है।
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