शासकीय अधिवक्ताओं का एक साल का समय 31 जुलाई को पूरा हो रहा है और बीते सात दिन से नई लिस्ट को लेकर भारी उठापटक चल रही है। इसमें सबसे अहम एजी पद के साथ ही जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में एडिशनल एजी (AAG) और डिप्टी एजी पद के लिए भारी उठापटक का दौर चल रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अहम एजी पद पर प्रशांत सिंह का फिर से आना तय हो गया है। उनके खिलाफ भले ही ओबीसी सोसायटी ने मोर्चा खोला हुआ है, लेकिन इसके बाद भी जब तक वह चाहें उन्हें हिलाना अभी मुश्किल है। मोटे तौर पर उनके नाम पर सहमति हो चुकी है।
हालांकि, सरकार ने जोर आजमाइश को देखते हुए सभी का कार्यकाल एक माह बढ़ा दिया है, अब यही एएजी, डिप्टी एजी और सरकारी अधिवक्ता 31 अगस्त तक काम करेंगे, लेकिन इससे भी जोर आजमाइश नहीं थमने वाली है।।
इंदौर में सोनी के हटने और भार्गव के आने की सुगबुगाहट
उधर इंदौर की बात करें तो यहां पर अभी एडिशनल एजी पद पर आनंद सोनी, विश्वजीत जोशी और सोनल गुप्ता है। वहीं इंदौर में डिप्टी एजी तीन हैं सुदीप भार्गव, श्रेयराज सक्सेना और कुशल गोयल। सूत्रों के अनुसार इसमें बदलाव संभावित है। खासकर आनंद सोनी के हटने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, जोशी और गुप्ता पर अभी ऐसी खास आपत्ति सामने नहीं आई है।
उधर डिप्टी एजी पद की बात करें तो यहां पर कुशल गोयल कायम रहेंगे लेकिन सुदीप भार्गव इससे उच्च पद एडिशनल एजी की दौड़ में हैं। उनका दावा पुख्ता और संभव है कि सोनी की जगह भार्गव नजर आएं। इसके अलावा राहुल सेठी और एचवाय मेहता का भी नाम एएजी पद की दौड़ में प्रमुखता से है। वहीं बीते समय एएजी पद से हटीं अर्चना खेर और पूर्व एएजी मनोज दिवेदी की सक्रियता भी चर्चा में बनी हुई है।
वहीं कुछ नाम भी चर्चा में हैं, इसमें प्रसन्ना भटनागर, विशाल बाहेती, सुनील जैन का भी नाम चर्चा बटोर रहा है। कुल मिलाकर इंदौर के लिए भारी कश्मकश का दौर जारी है। सभी अपने संबंधों और काम के जरिए जगह बनाने में जुटे हैं और नजरें एएजी पद पर ही है, इसके बाद डिप्टी एजी का पद है।
प्रशांत सिंह का AG पद पर फिर से नियुक्त होना तय: प्रशांत सिंह का AG एडवोकेट जनरल की नियुक्ति की संभावना बढ़ी है, हालांकि ओबीसी सोसाइटी द्वारा विरोध के बावजूद उनका नाम लगभग तय हो चुका है।
इंदौर में एडिशनल और डिप्टी AG पदों में बदलाव: इंदौर में एडिशनल एजी (AAG) पद पर आनंद सोनी के हटने की संभावना जताई जा रही है, जबकि सुदीप भार्गव का नाम एडिशनल एजी के दावेदारों में प्रमुख है।
सरकारी वकीलों की लिस्ट में फेरबदल: इंदौर में सरकारी वकीलों की लिस्ट में बदलाव की संभावना है, जिसमें 5 से 10 वकील प्रभावित हो सकते हैं। नए और पुराने वकील इस फेरबदल में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एजी, एएजी और डिप्टी एजी पदों के लिए जोर आजमाइश: इंदौर में एजी, एएजी और डिप्टी एजी के पदों पर कई वकील अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, और इस दौरान अधिकारियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है।
लिस्ट का जारी होना अनिश्चित: सरकारी वकीलों की नई लिस्ट को लेकर असमंजस बना हुआ है
सरकारी वकीलों की लिस्ट में भी फेरबदल
उधर इंदौर में सरकारी वकीलों की भी लंबी लिस्ट है, जिसमें करीब 35 शासकीय अधिवक्ता हैं। जानकारी के अनुसार इस लिस्ट में भी बदलाव होगा और 5 से 10 अधिवक्ता प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए भी कई पुराने नाम फिर दौड़ में हैं और नए नाम भी अपना जोर लगा रहे हैं।
जानकारों ने बताया कि लिस्ट को लेकर इस बार भारी उठापटक है, जो पुराने नाम थे वह फिर दौड़ में आ गए हैं, वर्तमान नाम है ही और नए नाम भी आ चुके हैं। इसके चलते भोपाल स्तर पर भारी जोर आजमाइश है। ऐसे में लिस्ट कब आएगी अभी भी यह कोई तय नहीं बता पा रहा है।
जबकि समयावधि 31 जुलाई तक है। हालांकि, सरकार ने जोर आजमाइश को देखते हुए सभी का कार्यकाल एक माह बढ़ा दिया है, अब यही एएजी, डिप्टी एजी और सरकारी अधिवक्ता 31 अगस्त तक काम करेंगे। लेकिन इससे भी जोर आजमाइश नहीं थमने वाली है।