महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Draupadi Murmu ) ने गुरुवार (19 सितंबर) को मध्य प्रदेश को उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन ( Ujjain-Indore Six Lane ) सड़क की सौगात दी। इस लेन से श्री कृष्ण गमन पथ और श्री महाकाल की नगरी की झलक दिखेगी। इसके लिए एमपीआरडीसी ( MPRDC) और निर्माण एजेंसी की टीम विषय विशेषज्ञों से सलाह ले रही है।
सिक्स लेन की क्या है लंबाई?
उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन ( Ujjain-Indore Six Lane ) सड़क 44.5 किलोमीटर लंबी बनने जा रही है। इसे बनाने में 1हजार 692 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को इस लेन का भूमिपूजन किया। दरअसल, इस लेन की जरूरत इसलिए थी क्योंकि महाकाल लोक बनने के बाद से उज्जैन-इंदौर के बीच ट्रैफिक बढ़ गया है। इसे कम करने के लिए इस रूट को विस्तार देने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके साथ ही सिंहस्थ 2028 को देखते हुए भी इस रूट का विकास जरूरी हो गया था।
2 साल में होगा बनकर तैयार
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav) ने इस लेन के विस्तार की योजना बनाई थी, जिसे अब सिक्स लेन में तब्दील किया जा रहा है। इंदौर एमपीआरडीसी ( Indore MPRDC) के अधिकारी इस सिक्स लेन को तय समय सीमा में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। सिक्स लेन बनाने की समय सीमा करीब दो साल तय की गई है। निर्माण में सबसे बड़ी सुविधा यह है कि जिम्मेदारों को इस मार्ग पर कोई अतिरिक्त जमीन अधिग्रहित नहीं करनी पड़ी है।
सिक्स लेन पर होगी श्री कृष्ण की लीलाएं
वहीं इस सिक्स लेन निर्माण को लेकर नई जानकारी सामने आई है। इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को श्री कृष्ण गमन पथ और महाकाल की नगरी की झलक भी देखने को मिलेगी। इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को श्री कृष्ण की लीलाएं और कलाएं भी देखने को मिलेंगी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि यह मूर्ति के रूप में होगा या पेंटिंग के रूप में। इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
इसके साथ ही मार्ग पर श्री महाकाल की नगरी उज्जैन ( Mahakal City Ujjain ) की झलक भी दिखाई जाएगी। इसके लिए काम भी शुरू कर दिया गया है। एमपीआरडीसी ( MPRDC) और निर्माण एजेंसी की टीम इस मामले में विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर ठोस निर्णय पर पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं।
लेन को हेरिटेज लुक देने का प्रयास
उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस मार्ग को हेरिटेज लुक देने का प्रयास किया जा रहा है। भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी किन घटनाओं को यहां बनाकर दर्शाया जा सकता है, इस बारे में विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। इस 44.50 किलोमीटर लंबे मार्ग पर यात्रा करते समय यात्रियों को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूति कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यात्रियों को लगेगा कि वे भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली और महाकाल की नगरी के बेहद करीब हैं।
मध्य प्रदेश-राजस्थान सरकारें मिलकर कर रही हैं काम
मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें श्रीकृष्ण गमन पथ पर काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ( Chief Minister Bhajan Lal Sharma ) की सरकारें श्रीकृष्ण गमन पथ पर जोर-शोर से काम कर रही हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उज्जैन आए राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारें मिलकर श्रीकृष्ण गमन पथ का निर्माण करेंगी। इस पथ में वे सभी स्थान शामिल होंगे, जहां भगवान कृष्ण रुके थे।
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