मध्य प्रदेश में बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teacher) को पद से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और हाईकोर्ट (High Court) के स्पष्ट निर्देशों के अनुसार 11 अगस्त 2023 के बाद नियुक्त किए गए बी.एड. डिग्रीधारी अब प्राथमिक शिक्षक के पद पर बने नहीं रह सकते।
स्कूल शिक्षा विभाग ने की हजारों बी.एड. डिग्रीधारियों की नियुक्तियां
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 11 अगस्त 2023 के पहले नियुक्त बी.एड. शिक्षकों को एक वर्ष के भीतर अनिवार्य रूप से छह महीने का ब्रिज कोर्स (Bridge Course) करना था। जिन्होंने इस निर्देश का पालन नहीं किया, उन्हें भी सेवा से अलग किया जा सकता है। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) और ट्रायबल वेलफेयर विभाग (Tribal Welfare Department) ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों की अनदेखी करते हुए हजारों बी.एड. डिग्रीधारियों की नियुक्तियां कर दीं।
अवैध रूप से की गई नियुक्तियां
29 अगस्त 2024 को जबलपुर (Jabalpur) में डीपीआई (DPI) ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया कि जहां अवैध रूप से नियुक्तियां की गई हैं, उन सभी नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 अगस्त 2023 को पारित अंतिम निर्णय में स्पष्ट किया गया कि उस दिनांक के बाद की सभी नियुक्तियां अवैध मानी जाएंगी।
डी.एल.एड. डिग्री धारियों ने लगाई थी याचिका
इस मामले में डी.एल.एड. (D.El.Ed.) डिग्री धारियों द्वारा याचिका दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर (Rameshwar Singh Thakur) के माध्यम से न्याय की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी करके बी.एड. डिग्रीधारियों की नियुक्तियां की और अब उन्हें बर्खास्त किया जा रहा है। इससे न केवल बी.एड. डिग्रीधारियों का भविष्य प्रभावित हुआ है, बल्कि योग्य डी.एल.एड. धारियों को भी प्राथमिक शिक्षक पद से वंचित कर दिया गया है।
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