भाई, बहन और मां.. शायद इतिहास में पहली बार ऐसा होगा..

सांसद का चुनाव लड़ने वाली प्रियंका नेहरू-गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी। इससे पहले इस परिवार से 9 नेता सांसद बन चुके हैं। यदि प्रियंका वायनाड से चुनाव जीत जाती हैं तो नेहरू-गांधी परिवार में एक सदस्य और जुड़ जाएगा।

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Ravi Kant Dixit
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Priyanka Gandhi Wayanad Sonia Gandhi Rahul Gandhi Lok Sabha द सूत्र
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नई दिल्ली. भारतीय राजनीति में नेहरू - गांधी परिवार का हमेशा से अच्छा खासा दखल रहा है। डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय प्रियंका गांधी वाड्रा अब अपने भाई व सांसद राहुल गांधी की सीट वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। 
राहुल ने लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव जीता है। लिहाजा, उन्हें एक सीट छोड़नी ही थी। अब उन्होंने अपनी सियासत के लिए रायबरेली को चुना है। ऐसे में वायनाड सीट पर उपचुनाव होगा। यहां से कांग्रेस प्रियंका को उतारने जा रही है। उनके नाम का ऐलान हो गया है।
इसी के साथ सांसद का चुनाव लड़ने वाली प्रियंका नेहरू-गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी। इससे पहले इस परिवार से 9 नेता सांसद बन चुके हैं। यदि प्रियंका वायनाड से चुनाव जीत जाती हैं तो नेहरू-गांधी परिवार में एक सदस्य और जुड़ जाएगा। खास बात यह भी है कि प्रियंका अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल के साथ संसद में बैठेंगी। 

वरुण को टिकट नहीं मिला, मेनका चुनाव हारीं 

इससे पहले 17वीं लोकसभा में भी गांधी परिवार के चार सदस्य संसद सदस्य थे। इनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मेनका गांधी और वरुण गांधी का नाम शामिल है। इस बार बीजेपी ने वरुण को टिकट दिया नहीं और मेनका चुनाव हार गई हैं। 

 

प्रियंका के लिए कांग्रेस ने वायनाड ही क्यों चुना?

  • मजबूत जनाधार: वायनाड से राहुल गांधी ने 2019 में चुनाव लड़ा और जीता था। 2024 में भी वे यहां से सांसद बने हैं। उनकी बड़ी जीत के बाद यह सीट कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित और समर्थन वाला निर्वाचन क्षेत्र बन गई है।
  •  दक्षिण भारत में प्रभाव: कांग्रेस पार्टी दक्षिण भारत में अपने प्रभाव को मजबूत करना चाहती है और प्रियंका गांधी जैसी प्रमुख नेता का चुनाव लड़ना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा। 
  •  सुरक्षित सीट: वायनाड को कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माना जा सकता है, जहां प्रियंका की जीत की संभावनाएं ज्यादा हैं। यह कदम कांग्रेस की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, ताकि पार्टी को दक्षिण भारतीय राज्यों में और मजबूती मिले। 

 नेहरू-गांधी परिवार से कौन-कौन बने सांसद 

जवाहरलाल नेहरू: भारत के पहले प्रधानमंत्री, वे स्वतंत्रता के बाद लगातार संसद सदस्य बने रहे।
इंदिरा गांधी: जवाहरलाल नेहरू की पुत्री, वे प्रधानमंत्री बनने से पहले और बाद में लोकसभा सदस्य रहीं।
फिरोज गांधी: इंदिरा गांधी के पति, वे लोकसभा सदस्य रहे।
राजीव गांधी: इंदिरा गांधी के पुत्र, वे प्रधानमंत्री बने और सांसद रहे।
सोनिया गांधी: राजीव गांधी की पत्नी, वे 1999 से लगातार लोकसभा सदस्य रही हैं।
संजय गांधी: इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र, वे भी सांसद बने।
राहुल गांधी: सोनिया गांधी और राजीव गांधी के पुत्र, वे 2004 से लगातार लोकसभा सदस्य हैं।
मेनका गांधी: संजय गांधी की पत्नी मेनका बीजेपी से सांसद रही हैं। 
वरुण गांधी: संजय गांधी और मेनका गांधी के पुत्र, वे भी सांसद रहे हैं। 
प्रियंका गांधी: प्रियंका अब वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी। 

उमा नेहरू और अरुण नेहरू भी सांसद रहे

इस परिवार के विस्तार की बात करें तो कहानी बदल जाती है। दरअसल, जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के भाई नंदलाल नेहरू की बहू उमा नेहरू सीतापुर से दो बार सांसद रहीं। उमा नेहरू के पोते अरुण नेहरू पहले कांग्रेस से रायबरेली से और फिर जनता दल से बिल्हौर से सांसद रह चुके हैं।

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